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पुनगर्ठित शिक्षा रिण को एनपीए के तौर पर न देखा जाए: RBI

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 22 2017 4:36PM | Updated Date: Jan 22 2017 4:36PM
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नई दिल्ली। बैंकों को शिक्षा रिण बांटने के लिए प्रोत्साहित करने के संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि रिण लेने वाले को नौकरी मिलने में देरी के कारण इस प्रकार के रिणों को चुकाने की समयसीमा को परिवर्तित करने को गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) की गणना के लिए पुनगर्ठित खातों (रिणों) के तौर पर नहीं देखा जाए।

भारतीय बैंक संघ (आईबीए) को लिखे एक पत्र में आरबीआई ने कहा कि रिण ग्राहक के बेरोजगार रहने या उसके पास कम रोजगार रहने की स्थिति में शिक्षा रिण की पूरी अवधि में बैंक उसे तीन बार रिण नहीं चुकाने के लिए छूट दे सकते हैं।

यह छूट एक बार में छह महीने से ज्यादा की नहीं हो सकती है। इसके लिए बैंकों को ‘इन रिणों का पुनगर्ठन करने की भी जरूरत’ नहीं है। हालांकि इस छूट अवधि और उसके बाद एक साल के लिए बैंकों को अपने एनपीए के प्रावधान को पांच प्रतिशत उंचा रखना होगा।

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