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जीडीपी में गिरावट के संकेतः विकास दर का अनुमान 7.1%

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 6 2017 7:56PM | Updated Date: Jan 6 2017 7:56PM
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नई दिल्ली। आर्थिक विकास के मोर्चे पर सरकार ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) साल 2016-17 में 7.1 फीसदी रहने का अनुमान है वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी वृद्धि दर 7.1 फीसदी रहने का अनुमान दिया गया है जबकि वर्ष 2015-16 में यह 7.6 फीसदी पर थी। आपको बता दें कि पिछली क्रेडिट पॉलिसी में आरबीआई ने भी ग्रोथ की रफ्तार के अनुमान को 0.5 फीसदी घटाकर 7.1 फीसदी कर दिया था। 7.1 फीसदी विकास दर का अनुमान पिछले 3 साल का निचला स्तर है। जीडीपी ग्रोथ का अनुमान कारोबारी साल के पहले 7 महीने के औद्योगिक उत्पादन के आधार पर लगाया गया है, यानि नोटबंदी के असर को इसमें शामिल नहीं किया गया है।

वित्त वर्ष 2016-17 में प्रति व्यक्ति आय इससे पिछले साल के मुकाबले 10.4 फीसदी बढ़कर 1,03,007 रुपये होने का अनुमान है। सीएसओ ने वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी वृद्धि दर 7.1 फीसदी रहने का अनुमान दिया है जबकि वर्ष 2015-16 में जीडीपी 7.6 फीसदी पर थी। सीएसओ की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक साल 2011-12 के आधार वर्ष पर मौजूदा मूल्य के हिसाब से जीडीपी का स्तर 121.55 लाख करोड़ का है जबकि आधार वर्ष 2015-16 पर जीडीपी का प्रोविजन एस्टीमेट 113.50 लाख करोड़ का है। वहीं वित्त वर्ष 2017 में जीवीए ग्रोथ का अनुमान भी घटाकर 7 फीसदी कर दिया गया है जो कि पहले 7.2 फीसदी बताया गया था।

जीडीपी ग्रोथ में सुस्ती का ये कारण

जीडीपी ग्रोथ का अनुमान कारोबारी साल के पहले 7 महीने के औद्योगिक उत्पादन के आधार पर लगाया गया है, यानि नोटबंदी के असर को इसमें शामिल नहीं किया गया है। एस्टीमेट के मुताबिक जीडीपी ग्रोथ में सुस्ती की वजह मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में कमजोरी रही। हालांकि इस एस्टीमेट को तैयार करते समय नोटबंदी के बाद बदले हालात को अलग रखा गया है। इस संबंध में इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी शक्तिकांत दास ने जीडीपी ग्रोथ पर ग्लोबल इकोनॉमिक स्लोडाउन का असर पड़ने की बात कही। गौरतलब है कि नोटबंदी का फैसला बीते 8 नवंबर को लिया गया था।

जीवीए ग्रोथ का अनुमान भी घटा

साथ ही वित्त वर्ष 2017 में जीवीए ग्रोथ का अनुमान भी घटाकर 7 फीसदी कर दिया गया है। पहले वित्त वर्ष 2017 में जीवीए ग्रोथ का अनुमान 7.2 फीसदी था। जीडीपी ग्रोथ का अनुमान कारोबारी साल के पहले 7 महीने के औद्योगिक उत्पादन के आधार पर लगाया गया है। गौर करने वाली बात यह है कि इसमे नोटबंदी के असर को शामिल नहीं किया गया है।

कृषि की स्थिति बेहतर होने के आसार

 

कृषि की स्थिति बेहतर होने के आसार हैं। सरकार की ओर से जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक कृषि के हालात बीते साल के मुकाबले बेहतर रह सकते हैं। आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2017 में कृषि सेक्टर की ग्रोथ 4.1 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016 में कृषि सेक्टर की ग्रोथ 1.2 फीसदी रही थी।

 
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