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किसानों की आत्महत्या ‘जटिल’ मुद्दा, औपचारिक वित्त सुविधा महत्वपूर्ण: रिजर्व बैंक

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 24 2015 9:08PM | Updated Date: Apr 24 2015 9:08PM
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चंडीगढ़। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने किसानों की आत्महत्याआें को हल्के में लिए जाने के प्रति आगाह करते हुए कहा कि देशभर के छोटे व सीमांत किसानों को औपचारिक वित्तपोषण सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। 
 
 
दिल्ली में एक रैली में किसान द्वारा आत्महत्या की घटना को देखते हुये राजन ने कहा कि किसी को इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए और न ही आसान सा स्पष्टीकरण देना चाहिए क्योंकि यह काफी जटिल मुद्दा है। उन्होंने यह भी कहा कि अनौपचारिक वित्तपोषण के बोझ के बजाय औपचारिक तंत्र की वित्त सुविधा की कमी एक बड़ी समस्या है। 
 
 
रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा, ‘‘समय की जरूरत यह है कि औपचारिक वित्त संस्थानों को देश के कोने-कोने तक फैलाया जाए। पिछले कुछ दिन में हमने किसानों की आत्महत्यों की दु:खद तस्वीर दिखी है। ये जटिल मामले हैं। इसका आसान स्पष्टीकरण नहीं हो सकता।’’    
 
 
राजन ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि इसे किसी को हल्के में नहीं लेना चाहिए और न ही आसान स्पष्टीकरण देना चाहिए। इसका अध्ययन किया जाना चाहिए। दिल्ली में राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह द्वारा जनसभा के दौरान आत्महत्या किए जाने के बाद यह मुद्दा काफी गरमा गया है। इस मुद्दे पर संसद में भी जमकर हंगामा हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके सामूहिक तरीके से समाधान पर जोर दिया है। 
 
 
राजन ने कहा, ‘‘अनौपचारिक वित्त के बोझ के बजाय औपचारिक वित्त की कमी समस्या है। हमें देश के कोने-कोने में औपचारिक वित्त उपलब्ध कराना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना ऐसी ही एक पहल है जिसके जरिये जरूरतमंदों को वित्त उपलब्ध कराया जा सकता है। 
 
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