नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को दिल्ली में ब्रेड में कैंसर का कारण बनने वाले रसायनों के अंश मिलने के बाद इस मामले की जांच के आदेश जारी किए है। इससे पहले, सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरमेंट (सीएसई) की ओर से जारी एक अध्ययन रिपोर्ट में यह सामने आया था कि शहरों मे बिक रहे ब्रेड के नियमित सेवन से कैंसर का खतरा है।
शहरों में रोजाना ब्रेड की बड़ी खपत
ब्रेड तो उसी आटे या मैदे से बनता है, जिससे बनी रोटियां हर घर में खाई जाती है। उससे भला कैंसर या कोई खतरनाक बीमारी कैसे हो सकती है। ऐसे सवालों का जवाब यह है कि दिक्कत आटे में नहीं, बल्कि ब्रेड बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स में है।
कई देशों में इन केमिकल्स पर पाबंदी
अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, चीन, श्रीलंका, ब्राजील, नाइजीरिया, पेरू और कोलंबिया तमाम वह देश है जहां पर इन केमिकल्स के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है।
कैंसर और थायरायड का खतरा
यह अध्ययन सीएसई की प्रदूषण निगरानी प्रयोगशाला में किया गया है। अध्ययन के अनुसार, ब्रेड बनाने के दौरान आटे में पोटेशियम ब्रोमेट तथा पोटेशियम आयोडेट का इस्तेमाल किया जाता है। पोटेशियम ब्रोमेट से शरीर में कैंसर होने का खतरा रहता है, जबकि पोटेशियम आयोडेट से थायरायड संबंधित बीमारी हो सकती है।
सरकार ने दिए जांच के आदेश
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सीएसई की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, हम मामले की जांच कर रहे हैं। मैंने अधिकारियों से जल्द से जल्द रिपोर्ट देने को कहा है। घबराने की जरूरत नहीं है। जल्द ही जांच रिपोर्ट में सब साफ हो जाएगा।