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सड़क सुरक्षा विधेयक का पारित न होना खलता है: गडकरी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 23 2016 12:40PM | Updated Date: May 23 2016 4:57PM
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नई दिल्ली। सड़क सुरक्षा विधेयक के लटकने का दोष ‘निहित स्वार्थी तत्वों पर मढ़ते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज कहा कि इसका पारित न होना उनके लिए सबसे अधिक खेद की बात है क्योंकि देश में हर साल सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या बढ़ रही है और यह युद्ध, आतंकवादी हमले या प्राकृतिक आपदाओं में मरने वालों की संख्या से अधिक हो गई है।

गडकरी को बेबाक बात करने के लिए जाना जाता है, लेकिन उन्होंने इन ‘निहित स्वार्थी तत्वों’ का नाम नहीं बताया। उन्होंने कहा कि ये वे लोग हैं जो राजमार्ग क्षेत्र में पारदर्शिता और कंप्यूटरीकरण नहीं चाहते। गडकरी ने  साक्षात्कार में कहा, भारत में 30 प्रतिशत ड्राइविंग लाइसेंस बोगस हैं। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय :आरटीओ: में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार फैला हुआ है। इस बारे में गलत अवधारणा वे लोग फैला रहे हैं जो नए कानून में पारदर्शिता से प्रभावित होंगे।

प्रस्तावित कानून में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना लगाने का प्रस्ताव है। सड़क हादसे में मौत होने की स्थिति में उल्लंघनकर्ता पर तीन लाख रपये का जुर्माना तथा कम से कम सात साल की सजा का प्रस्ताव है। ड्राइविंग उल्लंघनों के लिए भारी जुर्माना लगाने का प्रस्ताव है।

गडकरी ने कहा कि यह कानून सड़क परिवहन और राजमार्ग क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाएगा। इसमें अधिक पारदर्शिता आएगी और गड़बड़ियों को रोका जा सकेगा। उन्होंने प्रस्तावित कानून में बेहतर वैश्विक व्यवहार को शामिल किया गया है और इससे सड़क हादसों को कम करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को सालाना सकल घरेलू उत्पाद :जीडीपी: का तीन प्रतिशत के बराबर नुकसान होता है। देश में हर साल पांच लाख सड़क दुर्घटनाओं में डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है और करीब तीन लाख विकलांग हो जाते है।

गडकरी ने कहा, जब से मैंने इस क्षेत्र का कार्यभार संभाला है, हमें सबसे अधिक अफसोस इस बात का है कि हमारी अच्छी मंशा के बावजूद सड़क सुरक्षा विधेयक अटका हुआ है। मुझे 1.5 लोगों के सड़क दुर्घटनाओं में मरने की बात से बड़ा दुख होता है, इनमें से जिनमें ज्यादातर युवा होते हैं और मैं असहाय महसूस करता हूं। 

मंत्री ने कहा कि इतने अधिक लोग युद्ध या आतंकवादी हमलों या नक्सली हमलों...यहां तक कि आपदाओं में भी नहीं मरते। इससे मैं सो नहीं पाता। मैं जितनी जल्दी हो सके, सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत की कमी लाना चाहता हूं। गडकरी ने कहा कि उनकी सपना देश के बुनियादी ढांचे को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ के स्तर पर लाने का है। यह उनके दिल से जुड़ा विषय है। रातदिन काम करने के बावजूद वे इतने महत्वपूर्ण सड़क सुरक्षा विधेयक को पारित नहीं करा पाए हैं।

उन्होंने राजमार्ग क्षेत्र में पादर्शिता और कंप्यूटरीकरण का विरोध करने वाले वाले निहित स्वार्थी तत्वों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि मंत्रियों का समूह इस पर काम कर रहा है। इस मुद्दे पर कई राज्यों के साथ सहमति बनाई गई है।

उन्होंने उम्मीद जताई कि यह विधेयक संसद के अगले सत्र में पारित हो जाएगा। गडकरी ने कहा कि इस बीच एक नीति तैयार की जा रही है जिसके तहत किसी राजमार्ग परियोजना की लागत का एक प्रतिशत सड़क सुरक्षा मुद्दों के लिए अलग रखा जाएगा। वहीं सरकार भी इस पर कम से कम 5,000 करोड़ रूपए खर्च करेगी।

 

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