मुंबई। केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने विश्वास व्यक्त किया कि रीयल्टी नियामक के गठन तथा अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र से जुड़े वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक संसद के बजट सत्र में पारित हो जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि कांग्रेस संसद का कामकाज सुचारू ढंग से चलाने में सहयोग करेगी। नायडू ने यहां संवाददाताओं से कहा मुख्य मुद्दा संसद में बाधा व अवरोध है। उन्होंने (कांग्रेस ने) दो सत्र नहीं चलने दिए। कांग्रेस ने बहुत वर्षाें तक देश में शासन किया है इसलिए मुझे उम्मीद है कि वे चीजों को समझेंगे और सहयोग करेंगे।
कांग्रेस की इस बात कि उससे किसी ने संपर्क नहीं किया, का खंडन करते हुए नायडू ने याद दिलाया कि जीएसटी विधेयक पहली बार 2008 में कांग्रेस ही लाई थी।नायडू ने कहा मुझे इस मामले में पूरी उम्मीद और आशा है। हमने इस पर पर्याप्त समय खर्च व बर्बाद किया है। अब हमारे लिए मिलकर साथ आने का समय आ गया है। कांग्रेस का यह कहना दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनसे किसी ने संपर्क नहीं किया।’
नायडू के अनुसार वित्त मंत्री अरूण जेटली व उन्होंने खुद (सोनिया व राहुल) गांधी सहित कांग्रेस नेताओं से बात की थी। संसद के कामकाज में गतिरोध और उसके बाद विधेयकों में कुछ बदलाव सुझाने के कांग्रेस के मौजूदा रख पर नायडू ने कहा, ‘वे अब कुछ ऐसे मुद्दे उठा रहे हैं जो उन्होंने तब नहीं उठाए जब वे 2008 में विधेयक लेकर आये थे। हम उनके निपटान की कोशिश कर रहे हैं लेकिन कुछ चीजेंं असंभव होती हैं।