लीमा। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आगाह करते हुए कहा कि वित्तीय समावेशी को एक बिन्दु से आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि संभवत: लाभार्थियों के पास उनके लिए उपलब्ध कोष के इस्तेमाल की क्षमता नहीं होगी।
राजन ने आईएमएफ-विश्व बैंक की बैठकों के मौके पर अलग से वित्तीय समावेशी पर आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंंने कहा कि वित्तीय समावेशी को एक बिंदु से आगे बढ़ाने का नकारात्मक असर होगा क्योंकि बिल्कुल निचले स्तर पर लोगों के पास इस रिण को ‘स्वीकार’ करने की क्षमता नहीं होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा विचार है कि एक बिंदु के बाद वास्तव में वित्तीय समावेशी का नकारात्मक असर होगा।’’ रिजर्व बैंक के गवर्नर ने भुगतान प्रणाली को मजबूत करने पर भी बल दिया जिससे रिण की आपूर्ति के परंपरागत तरीके में सुधार हो सके।