नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा विदेश में जमा संपत्ति का खुलासा करने के लिए दिए गए 90 दिनों के समय में कुल 638 नामों का खुलासा हुआ है। कालेधन का खुलासा करने वालों में सबसे ज्यादा डॉक्टर, इंजीनियर और बड़ी कंपनियों में काम करने प्रोफेशनल्स के नाम शामिल हैं।
इनमें कुछ ऐसे लोग भी है जो पहले विदेश में थे लेकिन अब भारत में रहते हैं। इस बार की संपत्ति खुलासे की स्कीम पिछली स्कीम से अलग है। पिछली बार रिटर्न फाइल करने वालों में ज्यादातर कंपनियां, ट्रस्ट और ज्वॉइंट फैमिली थे लेकिन इस बार इंडिविजुअल की संख्या ज्यादा है।
आईटी प्रोफेशनल ने बताई अपनी संपत्ति
एक मामला एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर का है जो 90 के दशक में अपने पूरे परिवार सहित अमेरिका चले गए थे और दो साल पहले ही देश वापस लौटे हैं। उनके पास अमेरिका में लगभग 50 लाख डॉलर जमा थे। इस सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने टैक्स एडवाइजर को बताया कि चाहे जितनी भी ऊंची कीमत चुकानी पड़े, वह इस स्कीम का फायदा उठाना चाहते हैं।
जरूरी नहीं कि संपत्ति ब्लैक मनी ही हो
इसी तरह दूसरा मामला दिल्ली के दो डॉक्टर का हैं, जिन्होंने विदेश में 13 करोड़ रुपए की संपत्ति होने की बात का खुलासा किया है। कुछ जानकारों का कहना है कि जो एनआरआई भारत में आकर बसे हैं और जिन्होंने अपनी संपत्ति का खुलासा किया है, कोई जरूरी नहीं है कि वह ब्लैक मनी ही हो। ये पैसे वह संपत्ति है जो उन्हें विदेश में रहने के दौरान मिले थे।