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भारत में कृषि बन सकती है गतिशील सेक्टर

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 28 2015 2:03PM | Updated Date: Aug 28 2015 3:24PM
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वॉशिंगटन। भारत में कृषि के गतिशील बनने की अपार क्षमता होने का दावा करते हुए अमेरिकी कंपनियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए आश्वयक नीति सुधार करने का आह्वान किया। हाल ही में इस प्रतिनिधिमंडल ने भारत का दौरा किया था।

मीडिया की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि ‘‘यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल’’ (यूएसआईबीसी) द्वारा संपन्न दो दिवसीय यह मिशन भारत में खाद्य प्रसंस्करण में निवेश बढ़ाने एवं खाद्य सुरक्षा में सुधार के रास्ते तलाश करने तथा ऐसे उपाय खोजने पर केंद्रित था जिनसे अमेरिका और भारत खाद्य एवं कृषि क्षेत्र में परस्पर लाभकारी समाधान हासिल करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के साथ मिल कर काम कर सकें।

‘मोनसान्टो इंडिया रीजन’ की सीईओ शिल्पा दिवेकर निरूला ने ‘‘फूड एंड एग्रीकल्चर एग्जीक्यूटिव मिशन टू इंडिया’’ के समापन के बाद कहा, ‘‘भारत अपनी विकास यात्रा पर आगे बढ़ रहा है और ऐसे में कृषि के गतिशील क्षेत्र में बदलने की अपार क्षमता है जिससे हमारे लाखों किसानों और अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा।’’

निरूला और कारगिल फूड्स इंडिया के अध्यक्ष सिराज चौधरी की सह अध्यक्षता में संपन्न इस मिशन में उन नीतियों पर चर्चा हुई जिन्हें खाद्य प्रसंस्करण, खाद्य संरक्षा और सुरक्षा में विदेशी निवेश बढ़ाने, नवाचार अपनाने, स्थानीय उद्योग की प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और नए उत्पादों को बाजार में पेश करने की गति बढ़ाने की खातिर भारत अपना सके।

चौधरी ने कहा ‘‘काउंसिल की खाद्य एवं कृषि सदस्य कंपनियां फार्म से बाजार तक आपूर्ति श्रृंखला के प्रत्येक पहलू का प्रतिनिधित्व करती हैं जो समन्वयक के तौर पर, भारत की कृषि अर्थव्यवस्था और खाद्य उद्योग को आगे बढ़ाने में साझा हित होने के अमेरिकी उद्योग के विचार की पुष्टि करते हैं।’’ उन्होंने कहा ‘‘इस मिशन के माध्यम से और भारत तथा अमेरिका में हमारे काम के माध्यम से हमारे प्रयास द्विपक्षीय वाणिज्यिक संबंधों को आगे बढ़ाने पर तथा भारत में खाद्य सुरक्षा एवं कृषि उत्पादकता के विषय पर नियमिति संवाद करने पर केंद्रित हैं।’’

 
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