नई दिल्ली। सऊदी अरब की कंपनी अरामको के दो प्लांट पर ड्रोन हमलों के बाद कच्चे तेल की कीमतों में जबर्दस्त तेजी देखी गई। इससे सोमवार को वैश्विक बाजार में क्रूड (कच्चे तेल) की कीमतें 12 डॉलर प्रति बैरल 20 फीसदी बढ़ीं। जनवरी 1991 के बाद यह एक दिन की सबसे ज्यादा तेजी है। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों का असर भारत पर भी पड़ेगा। इसकी वजह से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा हो सकता है। बता दें कि भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी से ज्यादा क्रूड आयात करता है। क्रूड आयात महंगा होने की वजह से कंपनियां पेट्रोल-डीजल के रेट बढ़ा सकती हैं। दावा तो यह भी किया जा रहा है कि आगामी दिनों में पेट्रोल के दामों में 5 से 7 रुपये प्रति लीटर तक की वृद्धि हो सकती है।
इससे पहले 14 जनवरी, 1991 के बाद इंट्रा-डे (एक दिन में) में यह सबसे बड़ा उछाल है। कच्चा तेल महंगा होने से भारत पर बड़ा असर देखने को मिलेगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे देश में पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है। अगले 15 दिन में पेट्रोल के दाम 5-7 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ोतरी हो सकती है। लिहाजा महंगाई बढ़ने की आशंका भी तेज हो गई है। शनिवार को हूथी विद्रोही संगठन ने सऊदी अरब की तेल कंपनी अरामको के अबकैक और खुराइस में स्थित तेल कुओं पर ड्रोन अटैक किए थे।
इसके बाद से सऊदी अरब की तेल कंपनी ने उत्पादन लगभग आधा कर दिया है। सऊदी तेल कंपनी अरामको ने कहा कि वह अगले करीब दो दिनों तक उत्पादन को कम रखेगी ताकि उन तेल कुओं की मरम्मत हो सके है। ऑयल प्राइस डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को इंटरनेशनल मार्केट में ब्रेंट क्रूड 19.5 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 71.95 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जो 28 साल में एक दिन की सबसे बड़ी तेजी है। सऊदी अरब दुनिया का सबसे ज्यादा तेल एक्सपोटर है। और सरकारी तेल प्रोड्यूसर भी सऊदी अरामको पर हमले के चलते कंपनी ने आपूर्ति में 57 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती की है, जो वैश्विक आपूर्ति का 6 फीसदी है।