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आम आदमी को मिलेगी राहत, इन उत्पादों पर कम हो सकता है GST

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 16 2019 12:54PM | Updated Date: Sep 16 2019 12:54PM
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नई दिल्ली। आगामी 20 सितंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी की दरों को लेकर बड़ा फैसला किया जा सकता है। सरकार चमड़ा उद्योग को राहत दे सकती है। सरकार चमड़ा उद्योग को राहत दे सकती है। चमड़ा निर्यात परिषद (सीएलई) ने 1,000 रुपये से ऊपर के चमड़े के जूते-चप्पलों पर जीएसटी दर घटाकर 12 प्रतिशत करने की गुहार लगाई थी। वर्तमान में, 1000 रुपये तक के जूते-चप्पल पर जीएसटी को घटाकर 5 प्रतिशत किया गया था जबकि इससे ऊपर के उत्पादों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगती है।
 
माना जा रहा है कि 20 सितंबर को सरकार एक हजार रुपये से महंगे जूते-चप्पलों पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी करने का एलान कर सकती है। इससे इन उत्पादों का निर्यात बढ़ेगा। इसके अतिरिक्त कच्चे माल के शुल्क मुक्त आयात की सीमा तीन फीसदी से बढ़ाकर पांच फीसदी की जा सकती है। इस संदर्भ में काउंसिल फॉर लैदर एक्सपोर्ट (सीएलई) के चेयरमैन पी आर अकील अहमद ने कहा कि फुटवियर पर जीएसटी घटने से अपने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी।
 
चमड़ा उद्योग के अतिरिक्त ऑटो और एफएमसीजी सेक्टर में छाई मंदी से निपटने के लिए काउंसिल टैक्स स्लैब में कमी कर सकती है। वहीं घाटे की भरपाई के लिए पांच फीसदी स्लैब को खत्म किया जा सकता है। गोवा में होने वाली इस बैठक में मंदी से गिर रही अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए भी कुछ कदम उठाए जा सकते हैं। फिलहाल गाड़ियों पर एक से लेकर के 22 फीसदी तक सेस लगता है। इस बार अगस्त में गाड़ियों की बिक्री 23.55 फीसदी तक गिर गई है। वहीं बिस्किट के छोटे पांच रुपये वाले पैकेट भी नहीं बिक रहे हैं।
 
 
गाड़ियों, बिस्किट पर घटेगा स्लैब- गाड़ियों पर फिलहाल 28 फीसदी टैक्स और सेस लगता है। वहीं बिस्किट पर 18 फीसदी टैक्स लगता है। हालांकि अब काउंसिल गाड़ियों पर इसको घटाकर के 18 फीसदी और सेस कर सकती है। वहीं बिस्किट पर स्लैब को 12 फीसदी स्लैब किया जा सकता है। काउंसिल पांच फीसदी स्लैब को पूरी तरह से समाप्त करने का फैसला भी ले सकती है। वहीं इसकी जगह पर आठ फीसदी का नया स्लैब लाया जा सकता है।
 
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यह प्रस्ताव काउंसिल के समक्ष रखे जाएंगे, जिन पर फैसला लिया जाएगा। देश का सकल माल एवं सेवाकर (जीएसटी) संग्रह अगस्त में एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े से नीचे 98,202 करोड़ रुपये रहा। सकल जीएसटी संग्रह जुलाई में 1.02 लाख करोड़ रुपये था। हालांकि पिछले साल अगस्त के 93,960 करोड़ रुपये के जीएसटी संग्रह के मुकाबले यह 4.5 फीसदी अधिक है।
 
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