मुंबई। कार निर्माता कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ने इस साल 1 अप्रैल से लगभग 1500 अस्थायी कर्मचारियों को हटा दिया है। इसके अलावा अगर मंदी जारी रही तो वह और अधिक कर्मचारियों को हटाने पर मजबूर हो जाएगी। हालांकि, उन्होंने जोर दिया कि नौकरी के नुकसान की चिंता मोटर वाहन सप्लायर्स और डीलर्स से अधिक होगी मूल उपकरण निर्माताओं (OEM) से ज्यादा नहीं होगी।
उन्होंने आगे कहा कि त्योहारी सीजन भारत की ऑटो इंडस्ट्री के बदलाव के लिए महत्वपूर्ण है अन्यथा नौकरी और निवेश के क्षेत्र में नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। ज्ञात हो इस साल ऑटो इंडस्ट्री में पिछले 19 सालों में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली है और यह गिरावट 18.71 फीसद की रही है। इसी वजह से पिछले दो से तीन महीनों ऑटो सेक्टर में लाखों नौकरियां जा चुकी हैं।
वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टोयोटा ने भी अपने कर्नाटक प्लांट में इनोवा क्रिस्टा और फॉर्च्यूनर के प्रोडक्शन में कटौती की है। मंदी के चलते देश की जानी-मानी कार निर्माता कंपनी Maruti Suzuki के 3 हजार से अधिक अस्थायी कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोने पड़े हैं। मारुति सुजुकी इंडिया के प्रेसिडेंट आर सी भार्गव ने कहा कि अस्थायी कर्मचारियों के कॉन्ट्रेक्ट को मंदी की वजह से रिन्यू नहीं किया गया। फिलहाल इसमें प्रमानेंट कर्मचारियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
कुछ प्राइवेट टीवी चैनलों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह बिजनेस का पार्ट है। जब डिमांड बढ़ती है तो कॉन्ट्रेक्ट वाले कर्मचारियों को रखा जाता है और जब डिमांड घटती है तो कॉन्ट्रैक्ट वाले कर्मचारियों को कम किया जाता है।