मुंबई। एयलाइन कंपनी जेट एयरवेज के लिए मंगलवार काफी खराब रहा, क्योंकि निवेशकों ने इससे दूरी बनाए रखी, जिसके कारण कंपनी का शेयर 50 फीसदी से ज्यादा का गोता लगाने के बाद सत्र के आखिर में 40.78 फीसदी की गिरावट के साथ 40.45 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ। जेट एयरवेज के कर्जदाताओं द्वारा बकाये की वसूली के लिए दिवाला कार्यवाही शुरू करने का फैसला लिए जाने के कारण कंपनी के शेयर में भारी गिरावट दर्ज की गई। कंपनी ने बताया कि उसके दो स्वतंत्र निदेशक अशोक चावला और शरद शर्मा ने इस्तीफा दे दिया है।
यह भी शेयर में गिरावट की वजह रही, क्योंकि इससे कंपनी के दोबारा चालू होने की संभावना धूमिल होने का एक और संकेत है। जेट ने रेग्यूलेटरी फाइलिंग में कहा, "अशोक चावला और शरद शर्मा ने कंपनी के स्वतंत्र निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया है जोकि 17 जून 2019 से प्रभावी है।" भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाली बैंकों के समूह ने सोमवार को कहा, "हमने आईबीसी के तहत इसका हल निकालने का फैसला किया है, क्योंकि इसके लिए केवल एक सशर्त बोली प्राप्त हुई और सेबी से निवेशकों के छूट के लिए और सभी लेनदारों की समस्या का समाधान आईबीसी के तहत ही संभव है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के 8500 करोड़ ऋण के अलावा, विमानन कंपनी के ऊपर लगभग 25,000 करोड़ रुपये का ऋण है, जिसमें संचालन लेनदारों का बकाया भी शामिल है। जेट एयरवेज ने खराब वित्तीय हालत के बाद 17 अप्रैल को अपने सभी संचालन को बंद कर दिया था।