बेंगलुरू। दिग्गज अमेरिकी रिटेलर वॉलमार्ट, भारत की ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्टको अपने हाथों में लेने के बाद से अब तक इस पर करीब 70 अरब रुपये झोंक चुकी है। दरअसल, वॉलमार्ट का इरादा प्रतिस्पर्धी कंपनी ऐमजॉन को पछाड़कर भारत के आनॉलाइन मार्केटप्लेस पर कब्जा करने का है। वॉलमार्ट ने पिछले हफ्ते शेयर बाजार को दी गई जानकारी में खुलासा किया था कि 30 अप्रैल तक फ्लिपकार्ट के पास 1.2 बिलियन डॉलर (करीब 71.40 अरब रुपये) कैश बचा था जबकि अगस्त 2018 में उसके पास 2.2 बिलियन डॉलर कैश था।
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उसी वक्त वॉलमार्ट ने 16 बिलियन डॉलर के निवेश से 77 प्रतिशत शेयर खरीदकर फ्लिपकार्ट का अधिग्रहण किया था। वॉलमार्ट ने बताया था कि दुनियाभर के बाजारों में उसके 2.7 बिलियन डॉलर (करीब 18 अरब रुपये) फंसे हैं जिसे वह आसानी से अमेरिका ट्रांसफर नहीं कर सकती है। हालांकि, इसमें से फ्लिपकार्ट का 1.2 अरब डॉलर लाभांश या इंटर कंपनी फाइनैंसिंग अरेंजमेंट्स (जिसके लिए फ्लिपकार्ट के छोटे शेयरधारकों की अुमति की जरूरत है) के जरिए अपने खाते में डाल सकती थी। वॉलमार्ट ने कहा था कि इसी रकम को भारतीय बाजार में फ्लिपकार्ट के संचालन पर खर्च किया जाएगा। फ्लिपकार्ट ने इस बारे में ईटी के सवालों पर कोई जवाब नहीं दिया। वॉलमार्ट ने मार्च में खुलासा किया था कि फ्लिपकार्ट के पास अगस्त 2018 में 2.2 बिलियन डॉलर कैश और इसके बराबर ही सिक्यॉरिटीज थे। खरीदारी के समय फ्लिपकार्ट का मूल्य कुल 24.1 बिलियन डॉलर आंका गया था। ईटी ने 30 मार्च को रिपोर्ट दी थी कि वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट के 77 प्रतिशत स्टेक खरीदे हैं।