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10 फीसदी की विकास दर असंभव नहीं : अरुण जेटली

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 20 2015 10:32PM | Updated Date: Jun 20 2015 10:32PM
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वांशिगटन। वित्त मंत्री अरुण जेटली का यह मानना है कि सरकार की ओर किए जा रहे आर्थिक सुधारों, नीतिगत बदलावों, बुनियादी ढांचे जैसे प्रमुख क्षेत्रों में धन का प्रवाह बढ़ाने तथा संभावित अच्छे मानसून के साथ 10 प्रतिशत की विकास दर हासिल करना असंभव नहीं है। अमेरिकी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए नौ दिनों की यात्रा पर पहुंचे जेटली ने यहां पहुंचे श्री जेटली ने कहा कि 10 प्रतिशत विकास दर यथोचित संभव है। अमेरिकी थिंक टैंक अमेरिकन इंटरप्राइज इंस्टीट्यूट में पुटिंग इंडिया बैक ऑन ट्रैक: ए पाथवे टू डबल डिजिट ग्रोथ विषय पर अपने संबोधन में जेटली ने कहा, यह महत्वपूर्ण है कि हम उस लक्ष्य तक पहुंचने के साथ-साथ हमें इसे अनवरत् रखने की भी आवश्यकता है।

श्री जेटली ने कहा कि अगर हम इसे कुछ वर्षों तक कायम रुख पाते हैं तो भारत के संदर्भ में मेरा मानना है कि हम इसका सीधा फायदा उठा सकेंगे। इससे अधिक नौकरियां, बेहतर अर्थव्यवस्था होगी और उम्मीद है कि अगले 10 वर्षों में गरीबी का स्तर गिरेगा जहां इसका अधिक असर होने वाला है। मैं यह नहीं कह सकता कि भारत की विकास दर का आंकड़ा क्या होगा। परंतु मैं निश्चित तौर पर यह मानता हूं कि साढ़े सात प्रतिशत की मौजूदा विकास दर भारत की क्षमता के अनुकूल नहीं है। इस वर्ष हम आठ प्रतिशत की विकास दर छूने की उम्मीद करते हैं।

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से लिए गए सभी नीतिगत बदलावों और बुनियादी ढांचे, कृषि एवं उद्योग जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश का असर महसूस होने के साथ ही अच्छी खासी विकास दर हो सकती है। वित्त मंत्री ने कहा कि अगर मंहगाई हल्के स्तर पर बनी रहती है तो तार्किक रूप से ब्याज दरों के कम होने की उम्मीद की जा सकती है, जिसका सीधा असर होगा और भारतीय अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। उन्होंने कहा, अगर इन वैश्विक पहलुओं का मिश्रित प्रभाव होता है तो मुझे लगता है कि आठ से 10 प्रतिशत की विकास दर पर पहुंचने का सफर असंभव नहीं रह जाएगा जेटली ने कहा कि गत वर्ष खराब मानसून और इस वर्ष मार्च में दूसरे चरण में फसलों की बर्बादी की पृष्ठभूमि में भारत ने सात प्रतिशत से अधिक की विकास दर हासिल की है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार की उदासिनता की वजह से  विनिर्माण क्षेत्र लगभव ठहराव सा गया था और विकास दर करीब पांच प्रतिशत थी। वित्त मंत्री ने कहा, अब बुनियादी ढांचे में निवेश किए जाने और विनिर्माण क्षेत्र को मदद के संदर्भ में सरकारों की अपनी वित्तीय नीति अपनाने को देखते हुए इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति संभव है। उन्होंने कहा, ऐसे में विनिर्माण क्षेत्र पर केंद्रित मेक इन इंडिया कार्यक्रम, कोयला खदानों की नीलामी संबंधी कदमों के संदर्भ में मेरा मानना है कि आने वाले वर्षों में भारत का विनिर्माण क्षेत्र महत्वपूर्ण रूप से बढ़ने वाला है।ह्णह्ण जेटली ने कहा कि सरकार को अभी कई काम करने हैं और वह जीएसटी को लेकर सकारात्मक है।

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