नई दिल्ली। देश की सबसे धनवान शख्सियत मुकेश अंबानी की संपत्ति पिछले एक साल में हर दिन 300 करोड़ रुपए बढ़ी। बार्कलेज हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2018 में इस बात का खुलासा हुआ है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी 3 लाख 71 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति के साथ लिस्ट में लगातार सात वर्ष से पहले पायदान पर काबिज हैं।
एक साल में उनकी कंपनी के शेयरों का भाव 45 प्रतिशत बढ़ चुका है। खास बात यह है कि अकेले मुकेश अंबानी की दौलत लिस्ट में शामिल दूसरे, तीसरे और चौथे पायदान पर काबिज क्रमश: एसपी हिंदुजा एंड फैमिली, एल एन मित्तल एंड फैमिली और अजीम प्रेमजी की मिलीजुली संपत्ति से ज्यादा है।
लिस्ट में अंबानी के बाद काबिज इन लोगों की संपत्ति क्रमश: 1 लाख 59 हजार करोड़ रुपए, 1 लाख 14 हजार करोड़ रुपए और 96 हजार 100 करोड़ रुपए है। बार्कलेज हुरुन इंडिया रिच लिस्ट भारत के उन महाधनवानों की एकीकृत सूची है जिनका नेट वर्थ 1,000 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा है। 2018 की लिस्ट में पिछले वर्ष की लिस्ट से एक तिहाई ज्यादा शख्सियतें शामिल हो गई हैं। इस तरह 2017 में 617 लोगों की यह लिस्ट इस वर्ष बढ़कर 831 लोगों की हो गई है।
गौतम अडानी को मिला छठा स्थान
सन फार्मा के दिलीप सांघवी लिस्ट में पांचवें पायदान पर हैं। पिछले साल वह तीन पायदान ऊपर थे। रिपोर्ट में कहा गया है, 'सुजलॉन में उनकी संपत्ति को पहुंचा नुकसान की भरपाई सन फार्मा के शेयर में आई मामूली तेजी ने कर दी। सुजलॉन के शेयरों के भाव 50 प्रतिशत से ज्यादा गिर गए। अप्रैल 2018 में सांघवी यूनिकेम लेबरटरीज में 3.8 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी। जून 2018 में गुजरात में इसके प्लांट की गुणवत्ता को लेकर अमेरिकी फूड ऐंड ड्रग अथॉरिटी की आपत्ति संतोषजनक तरीके से निपट गई और कंपनी को क्लीन चिट मिल गया।'
सांघवी की संपत्ति करीब 89 हजार 700 करोड़ रुपये की है। वहीं, 78,600 करोड़ रुपये की अकूत दौलत के साथ कोटक महिंद्रा बैंक के उदय कोटक लिस्ट में छठे स्थान पर हैं। उनके बाद सीरम इंस्टिट्यूट आॅफ इंडिया के साइरस एस. पूनावाला 73 हजार करोड़ रुपए, अडानी एंटरप्राइजेज के गौतम अडानी 71 हजार 200 करोड़ रुपए और साइरस पालोनजी 69,400 करोड़ रुपए के साथ क्रमश: छठे, सातवें और आठवें स्थान पर हैं। इस रिपोर्ट में भारत के टॉप महाधनवान परिवारों का जिक्र है। अंबानी परिवार यहां भी टॉप है। उसके बाद गोदरेज, हिंदुजा, मिस्त्री, सांघवी, नाडर, अडानी, दमानी, लोहिया और बर्मन परिवारों का नंबर आता है।