मुंबई। पंजाब नेशनल बैंक में 11,400 करोड़ रुपए के महाघोटाले में सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में बड़ा खुलासा हुआ है। पंजाब नेशनल बैंक के महाघोटाले में गिरफ्तारियों का दौर शुरू हो गया है। आज तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें बैंक के पूर्व डिप्टी जायरेक्टर गोकुलनाथ शेट्टी, बैंक कर्मचारी मनोज खराट और हेमंत भट्ट शामिल हैं। तीनोंको अभी सीबीआई कोर्ट में पेश किया जाना बाकी है। भट्ट नीरव मोदी की कंपनी का अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता था।
इस मामले की जांच लगातार की जा रही है। उल्लेखनीय है कि पीएनबी के एक डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी पर स्विफ्ट मैसेजिंग सिस्टम का दुरुपयोग करने का आरोप है। बैंक इसी सिस्टम से विदेशी लेनदेन के लिए रुह्रह्य के जरिए दी गई गारंटीज को ऑथेंटिकेट करते हैं। इन्हें ऑथेंटिकेशनों के आधार पर कुछ भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं ने फॉरेक्स क्रेडिट दी थी।
पीएनबी घोटाले में 18 कर्मचारियों को निलंबित कर चुका है। सीबीआई और ईडी ने शुक्रवार को विदेश मंत्रालय में अलग अलग आवेदन भेजकर मांग की थी कि नीरव मोदी और उसके मामा तथा उसके कारोबारी साझेदार मेहुल चोकसी का पासपोर्ट रद्द किया जाए। चोकसी गीतांचलि जूलरी चेन का प्रमोटर है। दोनों 280 करोड़ रुपए के बैंक धोखाधड़ी के मामले में आरोपी हैं।
2017 में जारी किए गए लेटर ऑफ अंडरटेकिंग
सीबीआई द्वारा इस दूसरी एफआईआर के मुताबिक ज्यादातर लेटर ऑफ अंडरटेकिंग साल 2017 में जारी किए गए जिनकी आखिरी मियाद मई 2018 तक थी। यानी बैंक के डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी घोटालेबाजों के लिए अपनी रिटायरमेंट तक एलओयू जारी करता रहा। इस एफआईआर में कई और बैंको के नाम भी सामने आए है, जिन्होंने पीएनबी के कहने पर मॉरिशस, बहरीन, हांगकांग, फ्रैंकफर्ट जैसे देशों में घोटालेबाजों के लिए करोड़ों की रकमें अदा की। इनमें एसबीआई, केनरा बैंक, एक्सिस बैंक जैसे नाम शामिल हैं और इन बैंको को अब पीएनबी से पैसे लेने हैं।