नई दिल्ली। मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी पर उठ रहे सवालों के बीच सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि जिन यूजर्स को प्राइवेसी पॉलिसी से कोई भी दिक्कत है, वो व्हाट्सऐप का इस्तेमाल छोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं। व्हाट्सऐप की ओर से केके वेनुगोपाल ने कहा व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी जिन्हें भी मौलिक अधिकार का हनन लगता है वो ये ऐप छोड़ सकते हैं।
हमने अपने यूजर्स को पूरी आजादी दी है, वे व्हाट्सऐप और फेसबुक दोनों ही प्लेटफॉर्म किसी भी समय छोड़ सकते हैं। गौरतलब है कि फेसबुक ने साल 2014 में व्हाट्सऐप को खरीदा था। उल्लेखनीय है कि 2016 में लागू नई प्राइवेसी पॉलिसी के तहत व्हाट्सऐप फेसबुक के साथ कंज्यूमर डेटा शेयर करता है। याचिकाकर्ता का कहना था कि इससे न सिर्फ उपभोक्ता का ब्यौरा, बल्कि उसकी निजी बातचीत भी गलत हाथों में जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने पांच अप्रैल को व्हाट्सऐप प्राइवेसी मामले में सुनवाई के लिए पांच जजों की कंस्टीट्यूशनल बेंच बनाने का फैसला किया था। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि फेसबुक और व्हाट्सऐप पर डेटा सुरक्षित नहीं है और यह देश के संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है। इस मामले में व्हाट्सऐप और फेसबुक को पहले ही नोटिस जारी हो चुका है।
याचिका में व्हाट्सऐप की तरफ से अपनी सहयोगी फेसबुक से उपभोक्ताओं की जानकारी शेयर करने का विरोध किया गया है। याचिकाकर्ता ने इसे निजता के अधिकार का हनन बताया है। बताते चलें कि भारत फेसबुक और वाट्सऐप के लिए सबसे बड़े बाजारों में से एक है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में फेसबुक का लहजा भारत के लोगों के प्रति काफी सख्त नजर आ रहा है।