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जेपी इंफ्रा के दिवालियापन में जाने पर होमबायर्स को होगा सबसे अधिक नुकसान

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 15 2019 12:04PM | Updated Date: Dec 15 2019 12:04PM
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नई दिल्ली। दवालिया हो चुकी रियलटी कंपनी जेपी इंफ्राटेक के दिवालयापन में जाने पर सबसे अधिक नुकसान उसके 22,000 से अधिक घर खरीदारों को होगा क्योंकि वे असुरक्षित निवेशक हैं। रियल एस्टेट विशेषज्ञों का कहना है कि उच्चतम न्यायालय ने अपने एक महत्वपूर्ण निणर्य में कहा था कि किसी रियलटी परियोजना में आवास खरीदने वाले असुरक्षित निवेशक की श्रेणी में आते हैं। विशेषज्ञ ने कहा कि इसके मद्देनजर किसी भी कंपनी के घर खरीदार को दिवालियापन में जाने से बचने की कोशिश करनी चाहिए। 

उन्होंने कहा कि जेपी इंफ्राटेक के घर खरीदारों को अपने अपार्टमेंट की डिलीवरी प्राप्त करने और कंपनी को दिवालियापन में जाने से बचाने के लिए बोली लगाने वालों- एनबीसीसी और सुरक्षा रियलिटी दोनों के लिए ही मतदान करना चाहिए ताकि अंत में बैंकर किसी एक के पक्ष में मतदान कर इस कंपनी को दिवालियापन में जाने से बचा सकेंगे।  

रियलटी क्षेत्र के विश्लेषकों के अनुसार किसी रिजॉल्यूशन की संभावना तभी अधिक होगी जब खरीदार दोनों बोली लगाने वालों का चयन करें। किसी एक के पक्ष में मतदान करने से कंपनी के दिवालिया होने की संभावना बढ़ जाएगी। यदि खरीदार एक योजना के लिए मतदान करते हैं और बैंकर दूसरे के लिए मतदान करते हैं तो कॉर्पोरेट इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस निश्चित रूप से दिवालियापन के लिए जाएगा। मतदान प्रक्रिया सोमवार को पूरी हो जायेगी। मूल्यांकन मैट्रिक्स के अनुसार घर खरीदारों के पास, जेपी इंफ्राटेक के लेनदारों के पैनल में, लगभग 58 प्रतिशत मतदान हिस्सेदारी है, जबकि शेष 42 प्रतिशत शेयर कुल 13 बैंकरों के पास है। किसी भी योजना की मंजूरी के लिए कम से कम 66 प्रतिशत मत की आवश्यकता है। 

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