मुंबई। पी-नोट सहित शेयर बाजार के विभिन्न विकल्पों का दुरपयोग काले धन के शोधन के लिए किए जाने की चिंताओं के बीच भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा है कि उसने इसके खिलाफ मजबूत निगरानी प्रणाली कायम की है जिससे उसे प्रतिदिन 100 से अधिक अलर्ट मिलते हैं। सेबी का कहना है कि गड़बड़ी के सभी मामलों को कड़ाई से निपटा जाता है।
सेबी के चेयरमैन यू के सिन्हा ने सिन्हा ने काले धन को सफेद करने के लिए बाजार के प्लेटफार्म का इस्तेमाल करने वाले लोगों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि नियामक पहले ही ऐसे कई रैकेट का भंडाफोड़ कर चुका है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के लिए उसकी निगरानी प्रणाली से बच पाना मुश्किल है।
सेबी ने पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के दुरपयोग को रोकने की मजबूत व्यवस्था की है। इन्हें सिर्फ बेहतर तरीके से विनियमित विदेशी इकाइयों द्वारा ही जारी किया जा सकता है जिनमें विदेशी सरकारों के सावरेन वेल्थ फंड या पेंशन कोष शामिल हैं।
सिन्हा ने कहा कि इसके अलावा सेबी ने अपनी प्रणाली व नियमनों को और मजबूत करने का विकल्प खुला रखा है। जरूरत होने पर इस मार्ग के किसी संभावित दुरपयोग को रोकने के लिए अतिरिक्त उपाय किए जा सकते है।
जिन मार्गों के दुरुपयोग की सबसे अधिक संभावना मानी जाती है, उनमें आईपीओ, शेयर बाजारों में तरजीही शेयरों का आवंटन तथा विदेशी गंतव्यों पर जीडीआर जारी करना।