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राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था गणेशगढ़िया लघु उद्योगों के प्रोत्साहन से अर्थव्यवस्था होगी मजबूत

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 23 2019 1:17PM | Updated Date: Aug 23 2019 1:17PM
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श्रीगंगानगर। देश में लघु और सूक्ष्म उद्योगों को प्रोत्साहित करने से अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी वहीं इससे मंदी के दौर से जल्दी उभरा जा सकेगा। हाल में महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित लघु उद्योग भारती के तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में भाग लेकर लौटे अखिल भारतीय ईन्ट निर्माता महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रतनलाल गणेशगढ़िया ने आज बताया कि अधिवेशन में इस बात पर बल दिया गया। इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच करोड़ ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाले देश के सपने को साकार भी किया जा सकता है।
 
उन्होंने बताया कि अधिवेशन में देश भर से ढाई हजार लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस मौके अधिवेशन में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सूक्ष्म एवं लघु उद्यमियों को सस्ती दर से बिजली देकर और टैक्स दर कम रखकर बढ़ावा दिया जाना चाहिये, क्योंकि इनके कारण ही देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।
 
इन उद्योगों के जरिए देश में पांच करोड लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए जा रहे हैं। यही लघु और सूक्ष्म उद्योग आगे जाकर बड़े उद्योगों में तब्दील होते हैं। उन्होंने बताया कि इस मौके केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि उद्योगों के लिए एकल लाइसेंस प्रणाली की दिशा में केंद्र सरकार बहुत महत्वपूर्ण कार्य करने जा रही है। आने वाले दिनों में उद्योगों पर लागू अनेक प्रकार के लाइसेंसों की जगह सिर्फ एक लाइसेंस लेना कर दिए जाने की संभावना है।
 
उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को पांच करोड़ ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। मोदी ने भी पिछले दिनों कहा था कि जल्दी ही देश की अर्थव्यवस्था पांच करोड़ ट्रिलियन डॉलर तक के आंकड़े को छू जाएगी। गणेशगढ़िया ने बताया कि उन्होंने अधिवेशन में देशभर में परंपरागत लाल ईंटों का उत्पादन करने वाले भट्ठों को बंद करने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के एक आदेश को लागू किए जाने का मामला उठाया।
 
उन्होंने कहा कि परंपरागत लाल ईंट का उत्पादन करने वाले ईंट भट्ठों में बायो एग्रोवेस्ट का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता। इसके विपरीत कोयले से भट्ठा चलाने पर ज्यादा नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि एग्रो बायोवेस्ट की खरीद से किसानों को लगभग दस हजार करोड़ का फायदा हो रहा है।
 
अगर यह भट्ठे बंद हो गए तो किसानों को भारी नुकसान होगा और उन्हें यह बायोवेस्ट पराली की तरह खेतों में ही जलाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। जिससे पर्यावरण को ज्यादा नुकसान होगा। उन्होंने बताया कि इस पर श्री मेघवाल ने विश्वास दिलाया कि शीघ्र ही केंद्र सरकार इस पर सकारात्मक निर्णय लेगी।
 
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