मुंबई। ऑटो सेक्टर में मंदी का दौर जारी है और लाखों नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। इस बीच वाहन निर्माता कंपनी अशोक लीलैंड ने कार्यकारी स्तर के कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने के लिए एक खास योजना की घोषणा की है। कंपनी इस योजना को ऐसे समय में लाई है जब पहले से ही उसके कर्मचारी बोनस बढ़ाने को लेकर शुक्रवार से हड़ताल पर बैठे हुए हैं।
अशोक लीलैंड के कर्मचारी यूनियन के सूत्रों ने बताया कि "हम अपना हड़ताल जारी रख रहे हैं और मैनेजमेंट ने सोमवार तक कारखाने में काम बंद किया हुआ है। हम तब तक हड़ताल जारी रखेंगे जब तक मैनेजमेंट उपयुक्त समाधान लेकर नहीं आती।" यूनियन ने बोनस में 10 फीसद वृद्धि की मांग की है, जबकि प्रबंधन 5 फीसद वृद्धि के लिए तैयार है।
इस बीच हिंदुजा समूह की कंपनी ने कर्मचारियों के लिए एक नोटिस जारी किया है, जो कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) तथ कर्मचारी अलगाव योजना (ESS) की पेशकश की है। सूत्रों के मुताबिक जो कर्मचारी VRS के लिए पात्र नहीं है उनके लिए ESS की पेशकश की गई है। इन दिनों ऑटो इंडस्ट्री मंदी की चपेट में है और कई बड़ी ऑटो कंपनियां घटती मांग के चलते अपना प्रोडक्शन कम कर रही हैं।
अभी तक लाखों कर्मचारियों की नौकरियां जा चुकी हैं। दो दशकों में इस इंडस्ट्री ने पहली बार इतनी ज्यादा मंदी का सामना किया है। इससे पहले 2000 में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने इससे भी बड़ी मंदी का सामना किय था। मंदी के चलते देश की जानी-मानी कार निर्माता कंपनी Maruti Suzuki के 3 हजार से अधिक अस्थायी कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोने पड़े हैं।