मुंबई। बंबई या अब के नाम के हिसाब से कहें तो मुंबई अलग शहर है। शहर क्या देखें तो एक अलग ही दुनिया है। इसके अपने नियम है। इसके अपने संयम है। बस कुछ नहीं है तो वह जीवन जिसकी तलाश में यहां हर इंसान भागा फिर रहा है। निर्देशक पिया सुकन्या की फिल्म बॉम्बेरिया भी इसी की कहानी कहती दिखती है। तीन साल से बन रही इस फिल्म का ट्रेलर मुंबई में बुधवार को लॉन्च हुआ। कहानी है एक फिल्म पीआरओ की।
जैसे बचपन की कहानी में राक्षस की जान तोते में होती थी, वैसे ही इस किरदार की जान एक मोबाइल में है। फिल्म में दमदार किरदारों की कतार है। राधिका आप्टे की पहचान अब ऐसे किरदारों को निभाने वाली अदाकारा के तौर पर होने लगी है, जिनके पास या तो फिल्म में करने को कुछ नहीं होता है और अगर होता है तो इतना कुछ कि उसका दबाव उनके चेहरे पर भी नजर आने लगता है।
मोबाइल फोन में कैद अपने सारे राज बचाने के लिए एक लड़की का संघर्ष उन पर इसलिए भारी पड़ता है क्योंकि ऐसे किसी राज को छुपाने के लिए राधिका आप्टे नहीं जानी जाती। उनका निजी हो या व्यावसायिक जीवन सब कुछ डिजिटल की दुनिया में खुली किताब की तरह मौजूद है।
भारत, ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात की तीन कंपनियों ने मिलकर ये फिल्म बनाई है। इसे अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों को मुंबई की एक अलग झलक दिखाने के लिए बनाया गया है। सवाल ये है कि देश के कितने दर्शक इस कहानी को फिल्म के तौर पर पसंद करेंगे। ट्रेलर ने अपना काम कर दिया। कलाकारों के काम का इम्तिहान अभी बाकी है।