जौनपुर। उत्तर प्रदेश के जौनपुर की अदालत में फिल्म ठग्स आॅफ हिंदुस्तान के निर्माता, निर्देशक एवं अभिनेता आमिर खान के खिलाफ जाति विशेष को अपमानित करने एवं भावनाओं को ठेस पहुंचाने काे लेकर बुधवार को परिवाद दर्ज किया है। एसएजीएम कोर्ट संख्या पांच ने परिवाद दायर करने वाले अधिवक्ता हंसराज चौधरी को गवाही के लिए 12 नवंबर को तलब किया है।
दो दिन पहलें फिल्म का टाइटल बदलने एवं मल्लाह के पहले फिरंगी शब्द हटाने की मांग करते हुए राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी को निषाद समाज के लोगों ने एक ज्ञापन भी सौंपा था। निषाद जाति के अधिवक्ता हंसराज ने ठग्स आफ हिंदुस्तान फिल्म के निर्माता आदित्य चोपड़ा, निर्देशक विजय कृष्णा, अभिनेता आमिर खान के खिलाफ परिवाद दायर किया है। फिल्म अंग्रेजी उपन्यासकार के उपन्यास पर आधारित है जो आजादी के पूर्व आजादी के दीवानों को आतंकवादी ठग आदि शब्द कहते थे।
30 अक्टूबर को परिवादी के अलावा प्रदीप निषाद, बृजेश निषाद, संजीव नागर, मनोज नागर आदि ने परिवादी के आवास पर सोशल मीडिया पर फिल्म ठग्स ऑफ हिंदुस्तान का ट्रेलर देखा जिसमें मल्लाह जाति को फिरंगी मल्लाह शब्दों से संबोधित कर अपमानित किया गया है। परिवादी के अधिवक्ता हिमाशु श्रीवास्तव एवं बृजेश सिंह ने इस पर बहस करते हुए कहा कि जानबूझकर फिल्म की टीआरपी बढ़ाने, मुनाफा कमाने के लिए दुर्भावनापूर्ण तरीके से फिल्म का ऐसा नाम रखा गया और जाति विशेष को फिल्म में अपमानित किया गया।
पूरे निषाद समाज को ठग व फिरंगी की संज्ञा दी गई। फिल्म में 1795 की घटना दिखाई गई है। जब एक समूह ब्रिटिश हुकूमत से भारत को स्वतंत्र कराने के लिए लड़ रहा था। फिल्म की कहानी केवल कानपुर जिले की है फिर टाइटल ठग्स आफ हिंदुस्तान रखना फिल्मकारों की दुर्भावना दर्शाता है।