मुंबई। सिनेमा जगत के पितामह व्ही शांताराम को एक ऐसे फिल्मकार के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने सामाजिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि पर अर्थपूर्ण फिल्में बनाकर लगभग छह दशकों तक सिने दर्शकों के दिलों में अपनी खास पहचान बनायी। व्ही शांताराम मूल नाम राजाराम वानकुदरे शांताराम का जन्म 18 नवंबर 1901 को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हुआ था। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ी।
उनक रूझान बचपन से ही फिल्मों की ओर था और फिल्मकार बनना चाहते थे। हालांकि करियर के शुरूआती दौर में गंधर्व नाटक मंडली में उन्होंने पर्दा उठाने का भी काम किया। वर्ष 1920 में व्ही शांताराम बाबू राव पेंटर की महाराष्ट्र फिल्म कंपनी से जुड़ गये और उनसे फिल्म निर्माण की बारीकियां सीखने लगे। शांताराम ने अपने करियर की शुरूआत वर्ष 1921 में प्रदर्शित मूक फिल्म "सुरेख हरण" से की। इस फिल्म में उन्हें बतौर अभिनेता काम करने का अवसर मिला।