25 Apr 2024, 10:00:42 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

मुंबई। अमृता प्रीतम देश की उन कवियित्रियों में से एक हैं जिनकी मोहब्बत की कहानी आज भी मशहूर है। 31 अगस्त 1919 को पंजाब के गुंजरावाला में जन्मीं अमृता का बचपन लाहौर में बीता था और उन्होंने वहीं पढ़ाई भी की। उन्हें बचपन से ही लिखने का शौक था। माना जाता है वो पंजाबी भाषा की पहली कवियित्री हैं।
 
समय से आगे की सोच रखने वालीं अमृता प्रीतम ने कभी भी समाज के लिए खुद को बदला नहीं। कवि और गीतकार साहिर लुधियानवी से उनके इश्क के चर्चे आज भी हैं और उन्होंने इस बात को छुपाया नहीं। साहिर और अमृता प्रीतम की पहली मुलाकात साल 1944 में प्रीत नगर में हुई थी।
 
अमृता एक मुशायरे में शामिल होने पहुंची थीं वहीं साहिर से मिलीं। जब तक मुशायरा खत्म हुआ तेज बारिश होने लगी थी। अमृता अपनी इस मुलाकात के बारे खुद कहती हैं कि 'मुझे नहीं मालूम कि साहिर के लफ्जों की जादूगरी थी या उनकी खामोश नजर का कमाल था लेकिन कुछ तो था जिसने मुझे अपनी तरफ खींच लिया। आज जब उस रात को मुड़कर देखती हूं तो ऐसा समझ आता है कि तकदीर ने मेरे दिल में इश्क का बीज डाला जिसे बारिश की फुहारों ने बढ़ा दिया।'
 
जिस वक्त अमृता और साहिर की मुलाकात हुई थी उस वक्त उनकी शादी इमरोज से हो चुकी थी। हालांकि वो शादी से खुश नहीं थीं। बहुत कम लोगों को पता है कि अमृता और इमरोज एक घर में रहने के बावजूद अलग-अलग कमरों में रहते थे। शायद यही एक वजह है कि अमृता और साहिर के बीच नजदीकियां बढ़ती जा रही थीं।
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