मुंबई। हिंदी सिनेमा के गानों का जब भी जिक्र होगा संगीतकार कल्याणजी-आनंदजी का नाम जरूर आएगा। दोनों ने एक से बढ़कर एक फिल्मों के गानों का संगीत दिया। जिसमें मुख्य 'डॉन', 'सफर', 'कोरा कागज' जैसी फिल्में रही हैं। कल्याणजी का पूरा नाम कल्याणजी वीरजी शाह था। उनका परिवार गुजरात के कच्छ का रहने वाला था।
कल्याणजी के पिता का नाम वीरजी था। वीरजी शाह का परिवार कच्छ से मुंबई पहुंचा और यहां किराने की दुकान खोल ली। उनके दुकान से एक ग्राहक सामान तो लेता लेकिन पैसे नहीं चुका पा रहा था। वीरजी ने एक दिन उससे उधारी चुकाने के लिए कहा तो उस शख्स ने उनके दोनों बेटों कल्याणजी और आनंदजी को संगीत सिखाने की जिम्मेदारी ली।
इस तरह उधारी के पैसे को चुकाने के लिए कल्याणजी को संगीत की शिक्षा मिली। कल्याणजी ने अपने भाई आनंदजी के साथ मिलकर 'कल्याणजी वीरजी एंड पार्टी' के नाम से एक आर्केस्ट्रा कंपनी बनाई थी। जो अलग-अलग शहरों में जाकर परफॉर्मेंस दिया करती थी। इसी दौरान वो फिल्म संगीतकारों के संपर्क में आए और दोनों भाई हिंदी सिनेमा की दुनिया में पहुंचे।
उनकी पहली फिल्म 1959 में सम्राट चंद्रगुप्त थी। बाद में उनके साथ आनंदजी जुड़ गए और यही से ये जोड़ी कल्याणजी-आनंदजी के नाम से मशहूर हो गई। कल्याणजी-आनंदजी ने एक साथ मिलकर लगभग 250 फिल्मों में संगीत दिया है, जिसमें से 17 फिल्में गोल्डन जुबली और 39 सिल्वर जुबली फिल्में थी। अपनी धुनों से लोगों को दीवाना बना देने वाले कल्याणजी ने 24 अगस्त 2000 को दुनिया को अलविदा कह दिया।