20 Apr 2024, 13:23:29 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

मुंबई। बॉलीवुड में शम्मी कपूर ऐसे अभिनेता रहे हैं जिन्होंने उमंग और उत्साह के भाव को बड़े परदे पर बेहद रोमांटिक अंदाज में पेश किया। जीवन की मस्ती को अपने किरदार में जीवंत करने वाले शम्मी कपूर की फिल्मों पर नजर डालने पर पता चलता है कि उन पर फिल्माये गीतों में गायकी, संगीत संयोजन और गीत के बोलों में मस्ती की भावना पिरोयी रहती थी। बार बार देखो हजार बार देखो और चाहे मुझे कोई जंगली कहे..जैसे गीतों से आज भी उनकी बागी छवि की तस्वीर सिने प्रेमियों के जेहन में उतर आती आती है।
 
शम्मी कपूर को रिबेल स्टार 'विद्रोही कलाकार' की उपाधि इसलिए दी गयी क्योंकि उदासी, मायूसी और देवदास की तरह अभिनय की परम्परागत शैली को बिल्कुल नकार कर अपने अभिनय की नयी शैली विकसित की। 21 अक्टूबर 1931 को मुंबई में जन्में शम्मी कपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर फिल्म इंडस्ट्री के महान अभिनेता थे। घर में फिल्मी माहौल होने पर शम्मी कपूर का रूझान भी अभिनय की ओर हो गया और वह भी अभिनेता बनने का ख्वाब देखने लगे ।
 
वर्ष 1953 में प्रदर्शित फिल्म जीवन ज्योति से बतौर अभिनेता शम्मी कपूर ने फिल्म इंडस्ट्री का रूख किया। वर्ष 1953 से 1957 तक शम्मी कपूर फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिये संघर्ष करते रहे। इस दौरान एक के बाद एक उन्हें जो भी भूमिका मिली उसे वह स्वीकार करते चले गये। उन्होंने ठोकर लडकी, खोज,मेहबूबा, एहसान,चोर बाजार, तांगेवाली,नकाब, मिस कोकोकोला, सिपहसालार, हम सब चोर है और मेम साहिब जैसी कई फिल्मों मे अभिनय किया लेकिन इनमें से कोई भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हुयी।
 
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