मुंबई। माना जाता है आशा भोसले के बाद सुनिधि चौहान ही ऐसी गायिका हैं जिनकी आवाज में इतनी वैरायटी है। हर तरह के गाने में माहिर सुनिधि चौहान संगीत की दुनिया में जाना-पहचाना नाम हैं। 14 अगस्त 1983 को दिल्ली में जन्मीं सुनिधि ने महज 4 साल की उम्र से ही गाना शुरू कर दिया था। उनके बचपन का नाम निधि चौहान था। गायन की कला सुनिधि चौहान को विरासत में मिली है। उनके पिता दुष्यंत कुमार चौहान भी गायक हैं। सुनिधि की शुरूआती पढ़ाई उत्तर प्रदेश के बलरामपुर स्थित ब्लूमिंग बड्स पब्लिक स्कूल से हुई है।
बाद में उन्होंने दिल्ली के ग्रीनवे पब्लिक स्कूल में दाखिला लिया। सुनिधि ने केवल 10वीं तक ही पढ़ाई की। बचपन में सुनिधि दिल्ली के मंदिरों और स्थानीय कार्यक्रमों में गाती थीं। छोटी उम्र में ही उन्होंने रियलिटी शोज में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। एक शो में एंकर तबस्सुम ने सुनिधि को सुना और उनके माता-पिता को मुंबई आने के लिए कहा।
संगीतकार कल्याणजी उस वक्त 'लिटिल वंडर्स' नाम का एक म्यूजिकल ग्रुप चलाते थे जहां सुनिधि इसकी मुख्य गायिका बन गईं। दूरदर्शन पर आने वाले शो 'मेरी आवाज सुनो' में सुनिधि चौहान ने हिस्सा लिया। सुनिधि ने यह कॉम्पिटिशन जीत लिया और यही से उनकी संगीत की यात्रा शुरू हो गईं। 13 साल की उम्र में फिल्म 'शस्त्र' में सुनिधि चौहान ने अपना पहला गाना 'लड़की दीवानी देखो' गाया था। 16 साल की उम्र में सुनिधि ने रामगोपाल वर्मा की फिल्म 'मस्त' का गाना 'रुकी-रुकी सी जिंदगी' गाया। यह गाना सुपरहिट रहा था। इसके लिए सुनिधि चौहान को फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।