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चाइल्ड और पेरेंट्स के रिलेशनशिप पर बनी है 'अदृश्य'

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 22 2018 11:21AM | Updated Date: Jun 22 2018 11:21AM
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मुंबई। कुछ फिल्में ऐसी हैं, जो परदे पर आने से पहले देश-विदेश में होने वाले फेस्टिवल्स का हिस्सा बनती हैं और वहां लोगों की इतनी तारीफें हासिल करती हैं जिससे दर्शक उस ​फिल्म की रिलीज का इंतजार करने लगते हैं। आॅडियोलैब द्वारा प्रस्तुत निर्माता सतीश पुजारी व दीपक शाह तथा  संदीप चटर्जी निर्देशित फिल्म ‘अदृश्य’ ने ऐसा ही कर दिखाया है, जिसे दुनिया भर के आठ फिल्म फेस्टिवल्स में सराहा गया है और अब जल्द ही रूपहले परदे पर आने वाली है।

यह फिल्म चाइल्ड और पैरेंट्स के रिलेशनशिप पर बनी है। इसमें दिखाया गया है कि एक बच्चा उन स्थितियों में किस तरह की मनोदशा का शिकार हो जाता है, जब उसे लगने लगता है कि पैरेंट्स का ध्यान उस बच्चे की तरफ है, जो अभी आने वाला है। पैरेंट्स की अटेंशन डिवाइड होने पर ऐसे बच्चों की सोच बदल जाती है जिसे मां-बाप समझ नहीं पाते। ये प्रोब्लम उन महानगरों की है जहां मां-बाप काम में व्यस्त हैं ​और चाहते हैं कि दूसरा बच्चा पैदा किया जाए ताकि उस बच्चे का अकेलापन दूर हो, जो मेड की देखरेख में है और मां-बाप उसे वक्त नहीं दे पा रहे।

ये एक ऐसा विषय है, जिसे समझने के लिए निर्देशक संदीप चटर्जी को कई बच्चों और पैरेंट्स से मिलकर पूछना पड़ा कि आप किससे ज्यादा प्यार करते हैं। तब कई तरह की समस्याएं और पहलू निकलकर सामने आए और उसे कहानी का रूप देना पड़ा। संदीप कहते हैं कि ऐसी दशाएं न आएं, इसके लिए बच्चों को अपडेट करते रहना जरूरी है ताकि आने वाले बच्चे के प्रति उसकी उत्सुकता बनी रहे। दूसरे बच्चे को लेकर वह गलत न सोचने लगे।
 
फिल्म में दो चाइल्ड आर्टिस्ट हैं जिनका नाम है अब्दुल रहमान और पाखी मंडोला। दोनों विज्ञापन और फिल्मों में दिखते रहे हैं। पाखी कैटरीना और रणवीर सिंह के साथ फिल्म और एड कर चुकी हैं। इसमें इशत मलिक का भी अहम रोल है जिन्होंने चाचा का कैरेक्टर प्ले किया है। इशत कई विज्ञापन फिल्में कर चुके हैं। संदीप कहते हैं कि वह इस फिल्म पर पिछले दो साल से लगे हैं।
 
संदीप बड़े स्केल पर फिल्म बनाना चाहते थे लेकिन बतौर डायरेक्टर पहली फिल्म होने के कारण उन्हें बड़ी स्टारकास्ट मिलना मुश्किल था इसलिए उन्होंने चाइल्ड आर्टिस्ट को लेकर फिल्म बनाने का फैसला किया। संदीप कहते हैं कि बच्चे अपने आप में स्टार हैं। उनमें किसी तरह का स्टारिज्म नहीं होता। दर्शकों का एक वर्ग ऐसा भी है जो बच्चों की फिल्म उसके कंटेंट और मैसेज के कारण देखने आता है। विभिन्न समारोहों में मिली तारीफों से उत्साहित संदीप चटर्जी कहते हैं कि हमें उम्मीद है कि यह फिल्म दर्शकों के दिल को छू लेगी।
 
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