नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सिखों के प्रथम गुरु नानक देव के जीवन और शिक्षा पर आधारित फिल्म 'नानक शाह फकीर' को देशभर में रिलीज करने के अपने आदेश पर रोक लगाने से फिलहाल इन्कार कर दिया है। अब शिरोमणि सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
एसजीपीसी के वकील ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया। वकील ने फिल्म कल होने वाली रिलीज पर तत्काल रोक लगाने की मांग की। उनकी दलील थी कि एसजीपीसी ने 2003 में एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें यह फैसला लिया गया था कि किसी भी सिख गुरू या उनके किसी परिजन की भूमिका का फिल्मांकन नहीं किया जायेगा, लेकिन न्यायालय ने ऐसा करने से इन्कार कर दिया। न्यायालय ने, हालांकि एसजीपीसी की याचिका पर विचार के लिए सोमवार की तारीख निर्धारित की है। न्यायमूर्ति मिश्रा की पीठ ने पिछले दिनों फिल्म को रिलीज करने को मंजूरी दे दी थी।
खंडपीठ ने निर्माता हरिंदर सिंह सिक्का की याचिका पर फिल्म को देशभर में रिलीज किए जाने की अनुमति देते हुए एसजीपीसी की खिचांई की थी। पीठ ने कहा था कि जब केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) जैसी संवैधानिक संस्था ने फिल्म को रिलीज किए जाने को अनुमति दे दी है तो किसी को रिलीज में रुकावट डालने का कोई अधिकार नहीं है। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकारों को यह निर्देश भी दिया था कि फिल्म की रिलीज में किसी भी तरह की रुकावट नहीं आने पाये इसके लिए वे कानून और व्यवस्था का प्रबंध करें।
गुरु नानक देव के जीवन और शिक्षा पर आधारित फिल्म को बोर्ड ने मंजूरी दे दी थी। एसजीपीसी ने फिल्म के फिल्म को रिलीज नहीं करने के लिए श्री सिक्का को 30 मार्च को एक पत्र भेजा था। इसके बाद श्री सिक्का ने न्यायालय में याचिका दायर कर फिल्म की रिलीज को रोकने में अड़चन को दूर करने का अनुरोध किया था, जिस पर उच्चतम न्यायालय ने यह फैसला दिया था।