जोधपुर। सलमान खान को काला हिरण मामले में आखिरकार जमानत मिल गई है। यानी पिछली 2 रातों से जोधपुर सेंट्रल जेल में कैदी नंबर 106 बनकर रह रहे सलमान खान को जेल की कार्रवाई पूरी होने के बाद रिहा कर दिया गया है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में सलमान जयपुर एयरपोर्ट पहुंचे। सलमान को एयरपोर्ट ले जाने के लिए चार किमी. रास्ता खाली कराया गया है। सलमान को इस मामले में पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी। बचाव पक्ष के वकील ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश रवींद्र कुमार जोशी ने करीब एक घंटे तक अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनीं और दोपहर करीब तीन बजे फैसला सुनाया
बता दें कि अदालत के फैसले के चलते सलमान की बहन अलविरा और अर्पिता दोपहर 2 बजे ही अदालत पहुंच गई थीं। इससे पहले अदालत ने अपना फैसला सुनाने के लिए दो बजे का वक्त मुकर्रर किया था। सलमान की जमानत अर्जी पर दोनों पक्षों ने सुबह ही अपनी दलीलें पूरी कर ली थी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश रविंद्र कुमार जोशी इस मामले में फैसला सुनाएंगे।
सलमान के वकीलों ने गवाहों पर भी सवाल खड़े किए, जिस पर सरकारी पक्ष ने कहा कि गवाहों के बयान को सीजेएम कोर्ट ने स्वीकार किया था। ऐसे में यहां भी उनके बयानों को माना जाना चाहिए। सलमान के वकील हस्तीमल सारस्वत ने कहा कि मामले में दलीलें दी जा चुकी हैं और लंच के बाद इस पर फैसला सुनाया जाएगा।
सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने सलमान खान की जमानत का विरोध किया। सलमान खान के वकील हस्तीमल सारस्वत ने कहा, 'मौके पर किसी तरह का सबूत घटना से संबंधित नहीं मिला।' अदालत की सुनवाई के दौरान परिसर से बाहर आए एक वकील ने कहा कि शुक्रवार की सुनवाई के दौरान फैसला सुरक्षित नहीं रखा गया था बल्कि दोनों पक्षों की ओर से दलीलें बाकी थीं, जिन्हें शनिवार को भी जारी रखा गया।
अदालत की सुनवाई के वक्त सलमान खान की बहनें अलवीरा और अर्पिता के अलावा उनके बॉडीगार्ड शेरा भी कोर्ट में मौजूद थे। इससे पहले सेशन अदालत के जज रविंद्र जोशी ने सलमान खान को 5 साल की सजा सुनाने वाले सीजेएम कोर्ट के जज खत्री से मुलाकात की थी।
बता दें कि शुक्रवार शाम को राजस्थान सरकार ने 87 जजों का ट्रांसफर कर दिया था। इनमें शुक्रवार को सलमान की बेल अर्जी की सुनवाई करने वाले जज रविंद्र कुमार जोशी भी शामिल हैं। इसके बाद इस पर सस्पेंस बताया जा रहा था कि आखिर उनकी बेल की अर्जी पर सेशन कोर्ट में सुनवाई होगी या नहीं। हालांकि किसी जज के ट्रांसफर के फैसले के अमल में एक सप्ताह से 10 दिन तक का वक्त लगता है। इसलिए रविंद्र कुमार जोशी ने ही बेल की अर्जी पर सुनवाई की।