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पद्मावती: अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगाना संभव नहीं- SC

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 17 2017 11:41AM | Updated Date: Nov 17 2017 11:41AM
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को देशभर की अदालतों से कहा कि कलाकारों की आजादी के मामले में हस्तक्षेप करने में अत्यधिक निष्क्रियता बरतें। सर्वोच्च अदालत ने आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर आधारित एक डॉक्युमेंट्री 'एन इनसिग्निफिकेंट मैन' की रिलीज पर प्रतिबंध लगाने की मांग खारिज करते हुए यह बात कही। अब यह फिल्म अपने तय समय से यानी आज (17 नवंबर) रिलीज होगी। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि एक विचारोत्तेजक फिल्म का यह अर्थ कत्तई नहीं होता कि उसे शुद्धतावादी होना चाहिए। बेंच ने कहा कि एक फिल्म की अभिव्यक्ति ऐसी होनी चाहिए कि वह दर्शक के चेतन और अवचेतन मन को प्रभावित करे।
 
ऐसा कहते हुए बेंच एक तरह से उन हिंसक तत्वों को भी गलत ठहरा रही थी जो संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' का विरोध कर रहे हैं। पिछले हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट ने 'पद्मावती' की रिलीज पर स्टे लगाने की याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि यह मामला सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन और फिल्म सर्टिफिकेशन अपेलट ट्राइब्यूनल के अधिकार क्षेत्र का मामला है। गुरुवार को कोर्ट ने कहा कि अदालतों को सृजनात्मक कार्य करने वाले व्यक्ति को नाटक, किताब लिखने, दर्शन या अपने विचारों को फिल्म या रंगमंच से अभिव्यक्त करने से रोकने के फैसलों पर अत्यधिक निष्क्रियता बरतनी चाहिए। 
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