नई दिल्ली। जासूसी की दुनिया में वैसे तो कई नाम ऐसे हैं, जिन्हें आज भी उनके काम के लिए याद किया जाता है। इनमें कई पुरूष हैं, तो कई महिलाएं भी हैं, लेकिन इन महिलाओं में जिसका नाम सबसे पहले आता है, वो हैं मार्गरेट गीर्तोईदा।
जेले यानि माता हारी, जिन्हें आज से ठीक सौ साल पहले 15 अक्टूबर, 1917 को फायरिंग स्कड के सामने खड़ा कर गोलियों से भून दिया गया था। बता दें कि माता हारी एक बेहतरीन और खूबसूरत डांसर थीं। इसके साथ ही वो इतनी कामुक महिला थीं, वो उस समय की सबसे कामुक महिला हुआ करती थी। अपनी मादक अदाओं से वो किसी को भी अपना दीवाना बनाने की ताकत रखती थीं। इसके चलते उनके कई बड़े लोगों से भी संबंध थे। दरअसल, उनकी खूबसूरती को देखते हुए फ्रांस की सरकार ने उन्हें जर्मनी की जासूसी करने का ऑफर दिया। इसके लिए वो तुरंत तैयार हो गई।
उन्होंने अपनी सुंदरता की बदौलत जर्मनी की कई बड़ी सीक्रेट जानकारी फ्रांस को दी थी। कई बार राज उगलवाने के लिए वो न्यूड डांस तक करने के लिए भी तैयार हो जाती थीं। इसके बाद माता हारी के लिए पैसों की भूख इतनी बढ़ गई कि उन्होंने डबल गेम खेलना शुरू कर दिया और जर्मन की जानकारी फ्रांस को और फ्रांस की जानकारी जर्मन को देनी शुरू कर दी। इसकी खबर बाद में फ्रांस के सीक्रेट डिपार्टमेंट को लग गई। सन् 1917 में फ्रांस में माता हारी को अरेस्ट किया गया। उन्हें 50 हजार लोगों की मौत का जिम्मेदार ठहराया गया और 15 अक्टूबर, 1917 में गोलियों से भूनकर मार दिया गया। की सजा दी गई। उस वक्त वह 41 वर्ष की थी। उस पर डबल एजेंट होने का आरोप लगाया गया।