मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता ऋषि कपूर इस बात को लेकर बेहद खुश हैं कि बड़े उम्र के कलाकारों को अब चैलेंजिंग रोल मिल रहे हैं। ऋषि को इस बात की खुशी है कि आज के दौर में अब ऐसी फिल्में बनने लगी हैं, जिसमें बड़े उम्र के कलाकारों को केवल पिता वाला किरदार निभाने का मौका नहीं मिल रहा है, बल्कि हर तरह के चैलेंजिंग रोल भी दिए जा रहे हैं। ऋषि ने कहा, "25 साल पहले फार्मूला फिल्में बन रही थीं, इसमें एक लड़की-लड़के से मिलती थी। लड़का लड़की से मिलता था। फिर लॉस्ट एंड फार्मूला पर पूरी कहानी हो जाती थी। लास्ट में विलेन मर जाता था लेकिन मैं कहता हूं कि उस दौर के दर्शक बड़े दयालु होते थे। बुरी फिल्मों को माŸफ कर दे रहे थे जबकि और भी कितनी सारी फिल्में आ रही थीं। उस वक्त विलेन से हीरो के फाइट पर ही फोकस होता था लेकिन अब जबसे मल्टीप्लेक्स आ चुका है, टिकट महंगे हो चुके हैं, मीडिल क्लास केवल महीने में एक ही फिल्म देख सकता है।"
ऋषि ने कहा, "आजकल इसलिए पिंक, तलवार, शुभ मंगल सावधान जैसी फिल्में चल पा रही हैं। दर्शक अब सोच समझ कर फिल्मों पर खर्च करती है। इसलिए अब वैसी फिल्में भी आ रही हैं। वरना, एक वक्त तो शम्मी अंकल शशि अंकल सभी को बुरे रोल ऑफर होने लगे थे। उन्हें करनी भी पड़ी क्योंकि एक वक्त के बाद रोल लिखे ही नहीं जा रहे थे लेकिन हिंदी सिनेमा ने जो कंटेंट बेस्ड सिनेमा को महत्व देना शुरू किया है। वह कमाल का है और काफी मजेदार दौर है। यही वजह है कि अब फिर से कोई भी फिल्म के सेट पर जाता हूं तो लगता है कि मैं अपने किरदार में कुछ न कुछ नया तो जरूर ही दूंगा।"