मुंबई। अभिनेत्री तापसी पुन्नू को ‘पिंक’ ओर ‘नाम शबाना’ जैसी फिल्मों में जोरदार अभिनय के लिए फिल्म उद्योग ने खूब सराहा है, लेकिन उनका कहना है कि वास्तविक जीवन में यह बहुत मुश्किल है कि लोग इस प्रकार की महिला को स्वीकार करें। तेलगु फिल्म ‘झुमंदी नादम’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत करने वाली 30 वर्षीय अभिनेत्री का कहना है, कि समाज की तरह ही फिल्म उद्योग में भी पितृसत्तात्मक मानसिकता मौजूद है। तापसी ने एक साक्षात्कार में कहा, एक अभिनेत्री होने के नाते, वे एक दृढ़ सोच समझ रखती हैं और जो आत्मसम्मान नहीं छोड़ सकती है। उन्होंने कहा, कई बार मुझे लगता है कि क्या मुझे वाकई चालाक अथवा तेज तर्रार होना चाहिए, क्योंकि इससे मुझे या मेरे करियर को फायदा होगा, लेकिन कई बार आत्मसम्मान के खातिर मुझे अपने कदम पीछे खींचने पड़ते हैं, जिसे बहुत से लोग अच्छा नहीं समझते हैं। उन्होंने कहा, अब बहुत सी अभिनेत्रियां मुखर हो रही हैं। कम से कम अब वह सवाल उठाने लगी हैं। मुझे पता नहीं कि किस बात के कारण वह अपने कदम पीछे खींच रही हैं, लेकिन हां अब उन्होंने बोलना शुरू कर दिया है।