नई दिल्ली। स्वरा भास्कर का कहना है कि वह गलत समय पर फिल्म इंडस्ट्री में आई हैं। स्वरा का नाम अर्थपूर्ण फिल्में करने वाली अभिनेत्रियों में लिया जाता है। रांझणा, निल बटे सन्नाटा और अनारकली आॅफ आरा जैसी फिल्मों में स्वरा ने बॉलीवुड की टिपिकल हीरोइन बनने के बजाए दमदार किरदार निभाए हैं। उन्होंने कहा, मेरी लभगभ सभी फिल्मों में मेरा किरदार परफॉर्मेंस वाला रहा है। भले ही वह व्यावसायिक फिल्म ही क्यों न हो? अब ‘प्रेम रतन धन पायो’ से ज्यादा व्यवसायिक क्या हो सकता है, लेकिन उसमें भी मेरा जो रोल था, उसमें एक आत्मसम्मान का भाव था। वह अपने हक के लिए आवाज उठाती है। आज जहां हर अभिनेत्री सब्जेक्ट बेस्ड फिल्में करना चाहती है, स्वरा अपनी फिल्मी इमेज से इतर पेड़ों के इर्द-गिर्द नाचने-गाने वाले रोल करना चाहती हैं। स्वरा ने कहा, मैं बचपन से बॉलीवुड देखकर बड़ी हुई हूं। मुझे व्यावसायिक बॉलीवुड फिल्में बहुत अच्छी लगती हैं। वही फिल्में देखकर मैं एक्ट्रेस बनी हूं। इसलिए मेरा बड़ा मन है पेड़ के इर्द-गिर्द नाचने का, लेकिन कोई मुझे ऐसे रोल दे नहीं रहा। शायद मैं गलत टाइम पर आई इंडस्ट्री में, क्योंकि अब वैसी फिल्में कम बन रही हैं।