मुंबई। ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में अपने बेहतरीन अभिनय के लिए सराहनाएं बटोरने वाली अभिनेत्री हुमा कुरैशी, गुरिंदर चढ्ढा की फिल्म ‘वायसरायज हाउस’ के साथ अंतरराष्ट्रीय सिनेमा में पदार्पण कर रही हैं और इस अभिनेत्री का कहना है कि भारत-पाकिस्तान विभाजन पर बनी इस फिल्म में उन्होंने अपनी जान और आत्मा दोनों डाल दी है।
ब्रिटिश-भारतीय गुरिंदर चढ्ढा द्वारा निर्देशित फिल्म ‘वायसरायज हाउस’ 1947 के विभाजन की त्रासदी और इसकी वजह से जनमानस पर पड़ने वाले प्रभाव की कहानी को बयां करती है। अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय फिल्म के बारे में हुमा ने बताया, ‘‘यह बहुत ही खास फिल्म है, जिस में मैंने काफी मेहनत की है, मैंने इसमें अपनी जान और आत्मा डाल दी है।’’
इस फिल्म में हग बोनविले, गिलियन एंडरसन, हुमा और मनीष दयाल ने काम किया है। अभिनेत्री ने इस में एक मुस्लिम लड़की आलिया की भूमिका को निभाया है जिसे एक हिंदू लड़के से प्यार हो जाता है। उनका कहना है कि इसकी कहानी विभाजन के बारे में है जिसमें एक प्रेम कहानी को दिखाया गया है। यह कहानी तब की है जब अंतिम वायसराय भारत आए थे।
हुमा का कहना है कि इस फिल्म को हिंदी में भी डब किया जाएगा जिससे यह फिल्म भारत में रिलीज होने के साथ ही बहुत बड़े दर्शक वर्ग तक पहुंच जाएगी। यह फिल्म अभी ब्रिटेन में चल रही है जिसको भारत में इस साल अगस्त में रिलीज किया जाएगा।