औरंगाबाद। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि अक्षय कुमार की 'जॉली एलएलबी 2' फिल्म को उसके चार विवादास्पद दृश्यों को हटाए जाने के बाद ही दिखाया जा सकता है।
फिल्म देखने के बाद जस्टिस प्रकाश कानाडे और दो अन्य की रिपोर्ट देखने के बाद जस्टिस एस एस शिंदे और के के सोनावाने की पीठ ने आदेश पारित किया। कोर्ट के फैसले के बाद अब सेंसर बोर्ड नया प्रमाणपत्र जारी करेगा।
वहीं जयपुर की एक कोर्ट ने इस फिल्म के ट्रेलर में वकीलों के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी करने के मामले में अक्षय और फिल्म के डायरेक्टर को समन जारी कर 10 मार्च को तलब किया गया है।
अधिवक्ता अजय कुमार वाघमारे ने कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि फिल्म से 'एलएलबी' शब्द हटाया जाए और उन दृश्यों को काटा जाए जिनमें वकीलों को गलत तरीके से पेश किया गया है।
वाघमारे ने ने कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में कहा कि फिल्म के ट्रेलर या सोशल मीडिया पर फिल्म के बारे में जो आ रहा है उससे ऐसा लगता है कि फिल्म में भारत की मौजूदा न्याय व्यवस्था का 'मजाक' उड़ाने की कोशिश की गई है। वाघमारे की दलील थी कि इससे वकालत कर रहे लोगों की गरिमा को आघात पहुंच सकता है।
ये सीन हटाए जाएंगे
1- एक डरे हुए जज को अपनी कुर्सी के पीछे छिपा दिखाया गया है।
2- जूता फेंकने का सीन।
3- आपत्तिजनक संकेत करने का सीन।
4- एक तर्क के दौरान बोले गए डॉयलॉग्स।