मुंबई। शाहरुख खान की फिल्म रईस को लेकर विवाद शुरू हो गया है। जिस डॉन की जिंदगी पर यह फिल्म बनी है उसके बेटे ने शाहरुख खान पर 101 करोड़ रुपए का दावा ठोका है। बेटे का कहना है कि शाहरुख की इस फिल्म में उसके पिता की गलत छवि दिखाई गई है। लतीफ के बेटे ने अहमदाबाद कि एक कोर्ट में पिटीशन फाईल की है, जिसमें पिता का नाम खराब करने का आरोप लगाते हुए 101 करोड़ रुपए की मानहानी का दावा भी ठोका है।
लतीफ के बेटे मुश्ताक शेख का कहना है कि फिल्म की स्क्रिप्ट लिखे जाते वक्त कुछ लोग उनकी फैमली से मिलने आए थे। प्रोड्यूसर्स इस बात का प्रचार भी कर रहे हैं कि फिल्म लतीफ की जिंदगी पर आधारित है। अगर ये सच है तो इस फिल्म की कहानी का अंदाजा लतीफ को जानकर ही लगाया जा सकता है।
अब चर्चा यह शुरू हो गई है कि आखिर गैंगेस्टर अब्दुल लतीफ कौन था जिसकी जिंदगी पर फिल्म बनाई जा रही है और उसकी भूमिका शाहरुख जैसे दिग्गज एक्टर निभा रहे हैं? रईस' के निर्देशक राहुल ढोलकिया इस बात से साफ इनकार करते हैं कि ये फिल्म लतीफ की जिंदगी पर आधारित है।
कौन था डॉन अब्दुल लतीफ
अहमदाबाद के दरियापुर इलाके में रहने वाले अब्दुल लतीफ ने कालूपुर ओवरब्रिज के पास देशी शराब बेचने की शुरुआत कर क्राइम की दुनिया में कदम रखा था। धीरे-धीरे उसने अंग्रेजी शराब बेचनी भी शुरू कर दी। इससे अच्छी कमाई कर लेने के बाद लतीफ ने शहर के कोट इलाके में रहने वाले बदमाशों को अपनी गैंग में शामिल कर लिया।
लतीफ ने हथियार सप्लाई करने वाले शरीफ खान से हाथ मिलाया और शराब के साथ-साथ हथियारों की भी तस्करी करने लगा। कुछ ही सालों में लतीफ गैंगस्टर बन चुका था, लेकिन किसी भी गैंगवार में वह खुद सामने नहीं रहा। बताया जाता है कि उस वक्त अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भी वडोदरा में ड्रग्स का नेटवर्क खड़ा कर चुका था। एक बार दाऊद और लतीफ के बीच गैंगवार भी छिड़ गई थी।
लतीफ के गुर्गों ने दाऊद को घेर लिया था और दाऊद को वडोदरा से भागना पड़ा। लतीफ गुजरात में 40 से भी ज्यादा हत्याओं का आरोपी था। नवम्बर 1997 में अब्दुल लतीफ को गुजरात पुलिस ने एक एनकांउटर में मार गिराया था। उस वक्त वह भागने की फिराक में था। लतीफ के खत्म होने के साथ ही गुजरात में उसका पूरा नेटवर्क ही खत्म हो गया।