नई दिल्ली। आमिर खान की फिल्म 'दंगल' में गीता फोगाट के बचपन का किरदार निभाने वाली 16 वर्षीय जायरा वसीम अपने दमदार अभिनय का लोहा देशभर में मना चुकी हैं। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में रहने वाली जायरा ने हाल ही में दसवीं की बोर्ड परीक्षा में 92 प्रतिशत अंक हासिल कर एक बार फिर सुर्खियों में आई जायरा ने सोमवार को फेसबुक पर एक अपॉलॉजी पोस्ट की है। हालांकि, यह साफ नहीं हो पाया है कि जायरा ने यह पोस्ट क्यों किया है। जायरा ने यह भी लिखा है कि उन्हें खुद पर गर्व नहीं है और उन्हें कश्मीर के युवाओं का रोल-मॉडल कहना अपमानजनक होगा। हालांकि बाद में गीता ने वह पोस्ट डिलीट कर दिया।
जायरा ने लिखा है, 'यह एक खुला माफीनामा है। मुझे पता है कि हाल ही में मेरे व्यवहार की वजह से कई लोग नाखुश और आहत हुए हैं। मैं उन सभी से माफी मांगना चाहती हूं जिन्हें मैंने अनजाने में तकलीफ पहुंचाई है और मैं चाहती हूं कि वे जानें कि मैं उनकी भावनाओं का सम्मान करती हूं। पिछले छह महीनों में जो भी हुआ उसके लिए परिस्थियां जिम्मेदार रहीं और यह सभी को समझना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि सभी मुझे वैसे ही ट्रीट करेंगे जैसे 16 साल के किशोरों से किया जाता है। मैंने जो किया उसके लिए मैं माफी मांगती हूं, पर वह सब मैंने जानबूझकर नहीं किया, मुझे उम्मीद है कि लोग इसके लिए मुझे माफ करेंगे।'
जायरा वसीम ने अपने माफीनामे में क्या लिखा
जायरा वसीम ने फेसबुक पर लिखा, 'यह एक खुली माफी है। मैं जानती हूं कि बहुत से लोगों को मेरी हाल की गतिविधियों या जिन लोगों से मैं मिली हूं, उससे बेहद बुरा लगा है। मैं उन सभी से माफी मांगना चाहती हूं जिन्हें मैंने अनजाने में दुखी किया, मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि मैं इसके पीछे उनके जज़्बाज समझती हूं खासतौर से पिछले 6 महीनों में जो हुआ है, उसके बाद। मुझे उम्मीद है कि लोग भी यह समझेंगे कि कई बार परिस्थितियों के आगे किसी का जोर नहीं चलता और मुझे उम्मीद है कि लोगों को याद होगा कि मैं सिर्फ 16 साल की लड़की हूं और मुझे लगता है कि आप मुझे वैसे ही समझेंगे। मैंने जो किया उसके लिए माफी मांगती हूं, मगर ऐसा मैंने जान-बूझकर नहीं किया और शायद लोग मुझे माफी कर सकेंगे।'
जायरा ने आगे लिखा, 'मेरे लिए कुछ और भी चीजें हैं जो बेहद जरूरी हैं और मैं उन्हें साफ कर देना चाहती हूं। पहली चीज यह है कि मुझे कश्मीरी युवाओं के लिए रोल-मॉडल की तरह पेश किया जा रहा है। मैं यह साफ कर दूं कि मैं नहीं चाहती कि कोई मेरे कदमों पर चले और मुझे रोल-मॉडल समझे। मैं जो कर रही हूं, उसपर फक़्र महसूस करती हूं और युवाओं को बताना चाहती हूं कि इस वक्त और इतिहास में भी रोल-मॉडल मौजूद हैं।'
जायरा ने कहा, 'मुझे रोल-मॉडल समझना उनकी बेइज्जती होगी और उनकी बेइज्जती हम सबकी बेइज्जती होगी। मैं यहां कोई बहस नहीं शुरू करना चाहती, मैं बस अपनी तरफ से कुछ कहना चाहती थी। अल्लाह करम फरमाए और हमें आगाह करे।'