मुम्बई। परिवार में हुए एक बड़े हादसे के बाद से टूट से गए गीतकार संतोष आनंद अब दोबारा से कलम उठाने जा रहे हैं। संतोष आनंद ने बताया कि देश दोबारा से उन्हें गीत लिखने को प्रेरित कर रहा है।
फिल्मी गीतों में आई गिरावट अब चैन नहीं लेने दे रही है। वो जल्द ही धर्मेन्द्र शेखर ओझा की धर्मवीर भारती के उपन्यास "गुनाहों का देवता" पर आधारित फ़िल्म में गीत लिखकर बॉलीवुड में दोबारा धूम मचाने वाले हैं।
मूलरूप से सिकंदराबाद के रहने वाले संतोष आनंद के लिखे गीत इक प्यार का नगमा है, जिंदगी की ना टूटे लड़ी, मोहब्बत है क्या चीज, ये गलियां ये चौबारा, अबके बरस तुझे धरती की रानी कर देंगे, तेरा साथ हो तो मुझे क्या कमी है, पानी रे पानी तेरा रंग कैसा, मै ना भूलूँगा जैसे गीत कालजयी हो गए हैं।
मनोज कुमार की फिल्म 'रोटी कपड़ा और मकान' और राजकपूर की फिल्म 'प्रेम रोग' में लिखे गीतों के लिए उन्हें दो बार फिल्म फेयर अवॉर्ड भी मिल चुका है। संतोष आनंद इसके अलावा पूरब और पश्चिम, क्रांति, तिरंगा, उपकार, प्यासा सावन, तहलका जैसी कई फिल्मों के लिए गीत लिख चुके हैं।
संतोष आनंद अब तक 40 से ज्यादा हिंदी फ़िल्मों के लिए गीत लिख चुके हैं। 77 साल के संतोष आनंद को हाल ही में मुंबई में दादा साहब फाल्के फाउंडेशन अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है तथा इसी साल अक्टूबर में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें यश भारती पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।