नई दिल्ली। नसीरूद्दीन शाह के संस्मरण ‘और फिर एक दिन’ उनके 32 वर्ष की उम्र तक के जीवन का पूरा विवरण देते हंै लेकिन अभिनेता का कहना है कि उनकी इससे आगे की कहानी लिखने की कोई योजना नहीं हैं लेकिन वह बालीवुड पर एक सम्पूर्ण पुस्तक लाने का इरादा जरूर रखते हैं। वर्ष 2014 में प्रकाशित शाह की इस पुस्तक में मेरठ के पास एक साधारण गांव से लेकर उनकी असाधारण यात्रा, जिसमें नैनीताल और अजमेर के कैथोलिक स्कूलों और अंत में रंगमंच व मुंबई में फिल्म स्टार बनने तक का पूरा विवरण है।
सबको बताना चाहते हैं फिल्मों की जानकारी
नहीं लिखना चाहते दूसरा भाग
उनसे जब यह पूछा गया कि वह इसका दूसरा पार्ट कब लाने वाले हैं, तो शाह ने कहा कि ‘यह सब पाठकों की इच्छा पूरी करने के लिए था। मुझे लगता है कि मुझे जो कुछ कहना था वह मैने कह दिया है। इससे आगे की बात करने का मतलब है कि मैं अपने विवाह, बच्चों वगैरह के बारे में बताउं। मैं ऐसा कुछ नहीं करना चाहता और न ही एक के बाद एक आई अपनी फिल्मों के बारे में बताना चाहता हूं। यह बहुत उबाउ होगा इसलिए मैंने इसका दूसरा भाग लिखने का विचार छोड़ दिया।
फिल्म उद्योग पर लिखने की है इच्छा
‘‘ए वेडनस डे’’ फिल्म के 66 वर्षीय अभिनेता का कहना है कि मुझे लंबे समय से हिन्दी फिल्म उद्योग के बारे में लिखने की इच्छा हो रही है ताकि इस अवास्तविक जगह को बेनकाब किया जा सके। उन्होंने कहा कि मैं हमारे फिल्म उद्योग के बारे में कहना चाहता हूं। यह एक बिल्कुल अवास्तविक जगह है। इसकी कहानियों को कहा जाना चाहिए ओैर मैं इन्हें कह सकता हूं।