मुंबई। बॉलीवुड में जावेद अख्तर का नाम एक ऐसी शख्सियत के रूप में शुमार किया जाता है जो अपने रचित गीतों से चार दशक से लोगों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं। शायर-गीतकार जां निसार अख्तर के घर में 17 जनवरी 1945 को जब एक लड़के ने जन्म लिया तो उसका नाम रखा गया ‘‘जादू’’। यह नाम जां निसार अख्तर के ही एक शेर की एक पंक्ति ‘‘लंबा लंबा किसी जादू का फसाना होगा’’ से लिया गया है। बाद मे जां निसार के यही पुत्र जादू ‘‘जावेद अख्तर’’ के नाम से फिल्म इंडस्ट्री में विख्यात हुये।
बचपन से ही शायरी से जावेद अख्तर का गहरा रिश्ता था। उनके घर शेरो-शायरी की महफिलें सजा करती थी जिन्हें वह बड़े चाव से सुना करते थे। जावेद अख्तर ने जिंदगी के उतार-चढ़ाव को बहुत करीब से देखा था इसलिये उनकी शायरी में जिंदगी के फसाने को बड़ी शिद्दत से महसूस किया जा सकता है। जावेद अख्तर के गीतों की यह खूबी रही है कि वह अपनी बात बड़ी आसानी से दूसरो को समझाते हैं। जावेद अख्तर के जन्म के कुछ समय के बाद उनका परिवार लखनऊ आ गया। जावेद अख्तर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ से पूरी की। कुछ समय तक लखनऊ रहने के बाद जावेद अख्तर अलीगढ़ आ गये जहां वह अपनी खाला के साथ रहने लगे।