पणजी। मशहूर फिल्म निर्माता प्रकाश झा ने कहा है कि उन्होंने अपनी नयी फिल्म ‘परीक्षा’ में यह संदेश देने का प्रयास किया है कि यह जरुरी नहीं है कि कॉन्वेंट स्कूल से पढ़ा लिखा छात्र ही अच्छा प्रदर्शन करेगा। प्रकाश झा ने से बातचीत करते हुए कहा ‘‘उनकी इस फिल्म में एक संदेश है कि यह जरुरी नहीं है कि कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ा लिखा छात्र ही बेहतर प्रदर्शन कर सकता है, हमारे समाज की यह धारणा है कि बच्चे को एक अच्छे कॉन्वेंट स्कूल में प्रवेश लेना चाहिए क्योंकि उन स्कूलों में ही सब कुछ संभव है।
यह फिल्म इसी परिपेक्ष्य में बनाई गई है और यह दर्शाने का प्रयास किया गया है कि ऐसा कुछ नहीं है और इस बात को अभिनेता संजय सूरी ने अपनी भूमिका से बखूबी साबित किया है।’’ उन्होंने कहा ‘‘फिल्म में दिखाया गया है कि केवल सत्य और ईमानदारी की जीत होती है। फिल्म में एक बच्चा अपने पिता को सिखाता है कि सच अपने आप में बहुत बड़ी चीज है। करीब 14 फीचर फिल्मों का निर्माण - निर्देशन करने वाले तथा 25 से अधिक डॉक्यूमेंटरी फिल्म बनाने वाले दस राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता प्रकाश झा को उम्मीद है कि लोग इस फिल्म को पसंद करेंगे।
उन्होंने कहा ‘‘मुझे आशा है कि लोग इस फिल्म को पसंद करेंगे। यह फिल्म एक गरीब और असहाय पिता पर आधारित है जो रिक्शा चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करता है। वह अपने लड़के के सपने पूरा करने के लिए कठिन परिश्रम करता है। लड़के की माँ हमेशा अपने बेटे की पढ़ाई के बारे में सोचती है। वे जानते है कि अगर उनकी जिंदगी में कोई सुधार आयेगा तो उनके बच्चे की पढ़ाई से आयेगा। फिल्म की कहानी इस बात पर आधारित है कि एक पिता अपने बेटे को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए किस हद तक जा सकता है। आईएफएफटी के 50वें संस्करण में भारतीय पैनोरमा (फीचर फिल्म्स) में फिल्म ‘परीक्षा’ को दिखाया जा रहा है।