नई दिल्ली। लंबे समय से विवादों में फंसने के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक को सेंसर बोर्ड ने 'U' सर्टिफिकेट मिल चुका है। हाल ही में खबर आई है कि फिल्म अब 11 अप्रैल को सभी सिनेमाघरों में रिलीज होगी। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने भी फिल्म को क्लीन चिट बताया है।
जबसे फिल्म की घोषणा की गई थी तभी से विपक्षी पार्टियां फिल्म के रिलीज करने की टाइमिंग को लेकर सवाल उठा रही थी। विपक्षी दलों ने फिल्म की रिलीज के समय को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि चुनाव के समय फिल्म को रिलीज न होने दिया जाए।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचियाकर्ताओं की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए, फिल्म की रिलीज को स्वीकृति दे दी है। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा है कि फिल्म को अभी सर्टिफिकेट नहीं मिला है, ऐसे में याचिकाकर्ता ने फिल्म को देखा तक नहीं है। इसलिए फिल्म पर आपत्ति जायज नहीं है। कोर्ट का मानना है कि 2 मिनट के ट्रेलर से यह तय नहीं किया जा सकता कि फिल्म प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक है और यह वोटर्स को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में कार्ट ने याचिकाकर्याओं से कहा है कि पहले वह यह तो साफ करें कि उन्हें फिल्म में कौन से सीन पर दिक्कत है।
वहीं हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान जब विवेक ओबेरॉय (vivek oberoi) से पूछा गया कि अगर 'उन्हें मोदी के बाद राहुल गांधी (rahul gandhi) की बायोपिक (biopic) के लिए ऑफर आया तो वह क्या करेंगे। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि 'हम किसी की भी बायोपिक नहीं बना सकते। किसी की बायोपिक तभी बनती है जब उस इंसान ने अपने लाइफ में कुछ बड़ा या फिर कुछ अलग किया हो।' वहीं विवेक की इन बातों से ये साफ नजर आ रहा है कि वो राहुल गांधी पर तंज कस रहे हैं।