नई दिल्ली। अभिनेता नसीरुद्दीन शाह का अजमेर के पांचवे लिटरेचर फेस्टिवल में जमकर विरोध हुआ। वो फेस्टिवल का शुभारंभ नहीं कर पाए। काफी देर तक लिटरेचर फेस्टिवल के बाहर वह अपनी गाड़ी में बैठे रहे और फिर वापस होटल आ गए। उनके लिटरेचर फेस्टिवल में शामिल होने को लेकर कुछ संगठनों ने जबरदस्त हंगामा मचाया। सारे बैनर, पोस्टर फाड़ दिए और फेस्टिवल के मंच पर चढ़कर भी तहस-नहस की। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत करना चाहा लेकिन कार्यकर्ता लगातर नारेबाजी करते रहे।
दरअसल नसीरुद्दीन शाह ने गुरुवार को एक वीडियो जारी किया था। इस वीडियो में उन्होंने कहा था, समाज में जहर फैला हुआ है। मुझे मेरे बच्चों को लेकर चिंता होती है। अगर कभी भीड़ ने घेर कर उन्हें पूछ लिया कि तुम हिंदू हो या मुस्लिम तो वो इसका जवाब नहीं दे पाएंगे। देश में किसी पुलिसवाले की मौत से ज्यादा अहम गाय की मौत है। इसी कारण अजमेर में नसीरुद्दीन शाह के आने की खबर के बाद से ही उनका विरोध किया जा रहा है। भाजपा युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम स्थल के बाहर उनका पुतला फूंककर जबरदस्त विरोध किया।