26 Apr 2024, 02:10:28 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

बिलासपुर। नगर निगम की सामान्य सभा में एल्डरमेनों से अपनी प्रश्नों को रखने का अधिकार छीन लिया गया है। नगर विधायक अमर अग्रवाल के करीबी माने जाने वाले एल्डरमेन मनीष अग्रवाल अब खुलकर सामने आ गये हैं। 

उन्होंने कहा है कि आज होने वाले सामान्य सभा में प्रश्न पूछने का अधिकार नही दिया गया तो वे इसका विरोध करेंगे। अग्रवाल ने कहा है कि महापौर और सभापति कांग्रेस कुछ पार्षदों के हाथों कठपुतली बन चुके हैं। अपनी गलतियों को छिपाने लिये इस बेतरतीब फैसले से न केवल एल्डरमेंन नाराज हैं, बल्कि सामान्य सभा का उल्लंघन करार दिया है। सरकार द्वारा नियुक्त किये गये एल्डरमेन को षहर की समस्याओं को लेकर प्रश्नकाल के दौरान अपनी बात रखने का अधिकार होता है। बिलासपुर नगर निगम ऐसा पहला निगम हैं जहां एल्डरमेनों से सामान्य सभा के दौरान प्रश्न पूछने का अधिकार छीना जा रहा है। एल्डरमेन मनीष अग्रवाल ने नगरीय प्रशासन विभाग, नगर निगम आयुक्त और महापौर को पत्र लिखकर इस संबंध में जवाब मांगा है।
 
अन्यथा 23 नवंबर को होने वाले सामान्य सभा का पुरजोर विरोध करने की बात कहीं है। मालूम हो कि कांगे्रसी नेता गुटबाजी के नाम पर षुरू से चर्चा में रहे हैं। कांग्रेसी पार्षद हमेषा एक दूसरे का पैर खिंचते नजर आते रहे। ऐसा पहली बार हुआ है जब भाजपा के ही एल्डरमेन मनीष अग्रवाल ने महापौर किषोर राय और सभापति अषोक विधानी पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि पिछले सामान्य सभा में कांग्रेस के दबाव में आकर सभापति ने एल्डरमेनों को प्रष्नकाल में अपना पक्ष रखने से मना कर दिया था। एल्डरमेन पद भी पार्षद पद जैसा ही होता है। एल्डरमेनों की नियुक्ति राज्य सरकार करती है। षहर के विकास को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही स्वतंत्र होते हैं बावजूद इसके सत्ता पक्ष द्वारा निर्वावित एल्डरमेनों का भी दायित्व होता है कि वे सभी षहर की समस्याओं को सदन में रखकर प्रस्ताव पारित करवाते चले आ रहे हैं।
 
एल्डरमेन मनीष अग्रवाल और राजेन्द्र भंडारी ने खुला आरोप लगाते हुए कहा है कि नेता प्रतिपख षेख नजीरूद्दीन, कांग्रेस पार्षद षैलेन्द्र जयसवाल, तैय्यब हुसैन के दबाव में आकर काम कर रहे हैं। मनीष ने बताया कि इन सब गतिविधियों से जाहिर होता है कि महापौर और सभापति अषोक विधानी कांग्रेस के चंद नेताओं को संविधान से उपर मान रहे हैं। सच्चाई तो यह है कि यदि एल्डरमेनों के प्रष्नों को षामिल किया जाता है तो कांग्रेस की वार्डों की पोल खुलने में समय नही लगेगा। बहरहाल सामान्य सभा के दौरान ही पता लगेगा कि एल्डरमेन प्रष्न काल के दौरान स्वतंत्र हैं या नही।
 
सामान्य सभा में प्रष्नकाल के दौरान एल्डमेनों को न बोलने देने की कांग्रेसी चाल काम आई गई है। लेकिन सवाल यह उठता है कि एल्डरमेन मनीष अग्रवाल और राजेन्द्र भंडारी के स्वर अब सभापति और महापौर के विरूद्ध हो गये तो अब वे अपनी बातों से पीछे नही हटेंगे। माना जा रहा है कि भाजपा में गुटबाजी शुरू हो गई है और कांग्रेसी कामयाब होते नजर आ रहे है। इसका परिणाम आगामी चुनावों में देखने को मिलेगा।
 
मंत्री अमर के करीबी हैं मनीष
जैसा शहर की जनता अच्छी तरह से जानती है कि महापौर प्रत्याशी मंत्री अमर के कहने पर ही तय होता है। वहीं उन्हीं के कहने पर एल्डरमेनों की नियुक्ति होती है। इस लिहाज से एल्डरमेनों और महापौर के बीच के संबंध मधुर होते हैं इस संबंध पर खलल पड़ना भाजपा के लिए नुकसानदेह हो सकता हैं।
 
चूंकि एल्डरमेन मनीष अग्रवाल मंत्री अमर अग्रवाल के करीबियों में से एक हैं ऐसे में सामान्य सभा में बवाल होना तय माना जा रहा है। बहरहाल इस मामले को लेकर कांग्रेसी और भाजपाई दोनों ही पार्टियां नेतागण आपस में चर्चा करते रहे।
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