भोपाल। राज्य विधानसभा चुनावों में क्षेत्रीय दलों से गठबंधन की आस लगाए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को बहुजन समाज पार्टी ने झटका दिया है। बसपा ने ऐलान किया है कि वो मध्यप्रदेश में कांग्रेस से गठबंधन नहीं करेगी और इस साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनाव में 230 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।
मध्यप्रदेश बसपा के अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद अहिरवार ने कहा कि मुझे मीडिया से पता चला है कि कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए के साथ गठबंधन के लिए कांग्रेस की बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इस गठबंधन के संबंध में राज्य स्तर पर हमारी कोई बातचीत नहीं हो रही है। अहिरवार ने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के बारे में केंदीय नेतृत्व से अब तक कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं। अहिरवार ने यह भी बताया कि हम प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
कांग्रेस को अभी भी गठबंधन की आस
बसपा के गठबंधन से इनकार के बाबजूद कांग्रेस अभी भी गठबंधन की आस लगाए बैठी है। कांग्रेस प्रवक्ता मानक अग्रवाल ने कहा कि राहुल गांधी ने दिल्ली में कहा था कि सभी समान विचारधारा वाले लोग एकसाथ चुनाव में उतरेंगे इसीलिए हम भी कह रहे हैं कि समान विचारधारा वाले लोग गठबंधन करके चुनाव में उतरेंगे ताकि वोटों का बंटवारा ना हो। कोई कुछ कहता है तो हमें इस पर एतराज नहीं है। ध्यान रहे की मायावती पहले ही साफ कर चुकी हैं की अगर सम्मानजनक सीटें नहीं मिलीं तो हम अकेले चुनाव लड़ेंगे।
पिछले चुनाव में मिली थीं चार सीटें
साल 2013 के चुनाव में बीएसपी ने 227 सीटों पर अपने प्रत्याशी चुनाव में उतारे थे, लेकिन उसे सिर्फ चार सीटों पर सफलता मिली थी। मध्यप्रदेश में एससी की 36 और एसटी की 47 सीटें हैं। इन सीटों पर बसपा का वोट बैंक अधिक है। पिछले दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा था कि आगामी मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने से कांग्रेस को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा था कि अगर मध्यप्रदेश में चुनाव के परिणामों के आधार पर गठबंधन को देखे तो मुरैना क्षेत्र से ग्वालियर क्षेत्र और सागर क्षेत्र से रीवा क्षेत्र तक, उत्तरप्रदेश की सीमा से लगा क्षेत्र है, जहां बसपा को अच्छे वोट मिलते हैं।