भोपाल। देश और समाज की रक्षा करते हुए शहीद हुए पुलिसकर्मियों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रमों का स्वरूप बदला जायेगा। इन कार्यक्रमों से आमजन और विद्यार्थियों को जोड़ा जाएगा। शहीदों के गांवों में उनके स्मारक बनाये जायेंगे और उनकी शौर्य गाथाओं की प्रदर्शनियां लगाई जायेंगी। ये बातें प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को पुलिस स्मृति दिवस परेड कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं। चौहान ने बताया कि शहीदों के परिजनों को राज्य शासन द्वारा एक करोड़ रुपए की सम्मान निधि देने का फैसला किया गया है।
स्मारकों पर मंत्री-छात्र अर्पित करेंगे पुष्पांजलि
चौहान ने शहीदों के प्रति आदर व्यक्त करते हुये कहा कि प्रदेशवासी शहीदों के प्रति कृतज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी भौतिक सुख-सुविधाओं का त्याग कर समाज की रक्षा करते हैं। वे न केवल कठिन परिस्थितियों में अपने प्राण हथेली पर रखकर कानून-व्यवस्था कायम करते हैं, बल्कि बाढ़, आगजनी आदि प्राकृतिक आपदाओं के समय भी आमजन की मदद करते हैं। समाज को पुलिस के प्रति सम्मान व्यक्त करना चाहिये। चौहान ने कहा कि अगले वर्ष से शहीद पुलिसकर्मियों के स्मारकों पर मंत्रीगण और विद्यार्थियों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित करने का कार्यक्रम बनाया जायेगा।
पुलिस स्मृति दिवस परेड कार्यक्रम में बोले मुख्यमंत्री चौहान
शौर्य स्मारक पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शौर्य स्मारक की प्रथम वर्षगांठ के समापन अवसर पर शनिवार को शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। चौहान सुबह शौर्य स्मारक पहुंचे और भारत-चीन युद्ध में शहीद जवानों को अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। उल्लेखनीय है कि इन शहीदों में मध्यप्रदेश के 18 जवान शामिल हैं। इस अवसर पर प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
देशभर में अब तक सबसे ज्यादा मप्र के शहीद पुलिसकर्मी
मुख्यमंत्री चौहान ने इस मौके पर छतरपुर में विगत दिनों ड्यूटी के दौरान शहीद पुलिसकर्मी बालमुकुन्द प्रजापति, रायसेन जिले में शहीद जवान इंद्रसेन तथा भोपाल केन्द्रीय जेल से भागे सिमी के आतंकियों से हुई मुठभेड़ में शहीद प्रधान आरक्षक रमाशंकर यादव की शहादत को याद किया। उन्होंने बताया कि अभी तक देश में 35 हजार 700 पुलिसकर्मी शहीद हुये हैं। इनमें बड़ी संख्या में मध्यप्रदेश के पुलिसकर्मी शामिल हैं।
कर्तव्य से पीछे नहीं हटते पुलिसकर्मी: शुक्ला
पुलिस महानिदेशक आरके शुक्ला ने इस अवसर पर बताया कि देश की एकता, अखण्डता और शांति-व्यवस्था कायम करने में पुलिसकर्मी अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटते। मध्यप्रदेश पुलिस ने विभिन्न अवसरों पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि समाज में आतंरिक शांति कायम करना कठिन कार्य है, जिसे पुलिस ने कर दिखाया है।
परिजनों को किया प्रणाम
चौहान ने शहीदों के परिजनों को प्रणाम करते हुए कहा कि सरकार और समाज उनके साथ हैं। उन्होंने कहा, पुलिस की नौकरी को केवल नौकरी न समझा जाए, यह देश और समाज की सच्ची सेवा है। हमें मप्र पुलिस पर गर्व है। जवानों ने शौर्य का परिचय देते हुए प्रदेश में डकैत समस्या का खात्मा किया, नक्सल और आतंकवाद की गतिविधियों को नियंत्रित किया।
सलामी धुन से शिवराज सिंह चौहान का स्वागत
शिवराज के गले लग रो पड़ी शहीद की मां
शहीदों के परिजनों से मिलने के दौरान सीएम शहीद धीरज मरावी की मां दशई बाई के पास पहुंचे। सीएम को सामने देख वे अपने आंसू नहीं रोक सकी और सीएम के गले लग रो पड़ी। उन्होंने अपने पोते के लिए अनुकंपा नियुक्ति की मांग की। इस पर सीएम ने डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला को धीरज के 5 साल के बेटे को बाल आरक्षक बनाने के निर्देश दिए। इस मौके पर एडीजी प्रशासन अनुराधा शंकर सिंह भी मौजूद थीं।कार्यक्रम के आरंभ में पुलिस बैण्ड की सलामी धुन के साथ परेड द्वारा मुख्यमंत्री चौहान का अभिवादन किया गया। पाल-बेयरर पार्टी द्वारा सम्मान सूची का प्रस्तुतीकरण किया गया और उसका स्मारक कोष में संस्थापन किया गया। मुख्यमंत्री चौहान के साथ मुख्य सचिव बीपी सिंह, अपर मुख्य सचिव गृह केके सिंह, पुलिस महानिदेशक आरके शुक्ला, मेजर जनरल टीपीएस रावत, कोर कमाण्डर अजय चौहान एवं अन्य पुलिस अधिकारियों और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों द्वारा वीरगति को प्राप्त पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को पुष्पांजलि अर्पित की गई। मुख्यमंत्री चौहान ने शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों से भी भेंट की और उन्हें ढ़ाढंस बंधाते हुये कहा कि सरकार उनके साथ है।